सामाजिक

बच्चों मे जान ,बड़ो में अभिमान , बुजुर्गों में ज्ञान

आज के समय मे अपने ही चहू ओर कि हर एक विषम परिस्थितियों को देखते हुए जो मन में विचार का उद्गम हो रहा है , उन्हीं विचारों या अपनी अभिव्यक्ति को काग़ज़ों पर संवार मन को आत्म तृप्ति देने मे कितना सुकून का अनुभव होता है । साहित्यकार वही तो है जो देखे अपने आस पास उसी को सच तुरंत शब्दों मे ढ़ाल काग़ज़ों पर स्याही कलम कि साठ गॉंठ से उतार देते । आज एक दिन के सफ़र के काट अपनी बहन के घर आई तो उनके ससुर जी के मुख से सुनें हर एक ज्ञान वर्धक शब्दों ने मेरा मन आकर्षित कर मुझे लिखने के लिए आतुर कर दिया । उनके कहे हर एक शब्द बड़े ही सार गर्भित थे , जो सीख दे रहे थे आज की नवयुवा पीढ़ी को , समझाने की कोशिश कर रहे थे सरल तुकबंदी भरे शब्दों में । वो शब्द थे बच्चों मे जान , नवयुवाओं मे अभिमान और बुजुर्गों मे ज्ञान जो सच सोचने को मजबूर कर दे । हर एक शब्द समझा रहा था कि जिंदगी का तजुर्बा कितना अधिक होता बुजुर्गों को , बुजुर्ग हर पल ज्ञान देते अपने जीवन के अंतिम पड़ाव तक आते आते जो सीखें , वो सोचते जो गलतियां उन्होंने कभी नवयुवा अवस्था में की वो गलतियां आज उनके ननिहाल , नवयुवा नहीं करें । पर नवयुवा हैं कि वो समझते कि बुजुर्ग बस यूंही सारा दिन बोलते और नवयुवा विपरित विचार धारा बुजुर्गों के प्रति बना लेते हैं । नवयुवाओं को बुजुर्गों की टोका-टाकी बिल्कुल भी पसंद नहीं आती । जब की बुजुर्गों ने अपनी जिंदगी में कई हर एक गलती को सीख के समान परोस रखना चाहा । बच्चे तो निर्मल कोमल मन के होते , उनकी अपनी ही दुनिया होती वो तो अपनी ही दुनिया में खोए रहते काल्पनिक सोच , खेल कूदना , निष्पक्ष रहना सभी के प्रति , ना अमीरी-गरीबी का भेदभाव और ना ही जात-पात का भेद । स्वच्छ मन के होने के कारण बच्चों मे सभी की जान बसती । परंतु यही बच्चे देखते ही देखते जब नवयुवा अवस्था मे आ जाते तो जो उनके दादा उनको बचपन से ही भाते थे जो सदैव मार्गदर्शन करते रहे वो ही दादा उनको आज खटकते जो उनको सही राह दिखा रहे हैं । तो सही कही है ना ये पंक्तियां? बच्चों में जान , नवयुवाओं मे अभिमान और बुजुर्ग में ज्ञान ।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित