कविता
मोहब्बत की रंगीन धागों से
आओ रिश्तों को हम बुन ले,
मोहब्बत के स्याही से एक बार फिर
अपने अल्फाजों को जीवन में चुन ले।
भावनाओं के कशीदो से जीवन को गढ़ दे,
जज्बातों के बारिशों से जीवन को मढ़ दे।
उम्मीदों और प्रेम के सितारों को हम जीवन में चमकाए,
नफरत, घृणा, द्वैष को भूलाकर एक दूसरे को गले लगाए।
छोटे सी जिंदगी है तो हम क्यों आपस में करे टकरार,
क्यों नहीं बहाए प्रेम, मौहब्बत और प्यार की बहार।
— मृदुल शरण