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सकोरा

सकोरा

“दादाजी, दादाजी, आप रोज सुबह-शाम पक्षियों को दाना खिलाते हैं न, अब हम लोग उन्हें पानी भी पिलाएंगे।” आठ वर्षीया गुड्डी एक सकोरे में पानी भरती हुई बोली।
“व्हेरी गुड बेटा, आप लोगों से किसने कहा है ये सब करने के लिए।” दादाजी ने प्यार से पूछा।
“दादी मां ने। परसों उन्होंने हमें एक कहानी सुनाते हुए कहा था कि भोर होते ही पक्षियों की चहचहाट और उनकी उड़ान आस-पास के वातावरण को बहुत ही सुरम्य बना देती है। इन पक्षियों के साथ कुछ समय बिताने से हमारा तन- और मन दोनों ही दुरुस्त रहता है। इसके लिए हमें इनके पालन-पोषण का भी ध्यान रखना चाहिए। विभिन्न प्रकार के बढ़ते प्रदूषण और गर्मी से मनुष्य ही नहीं, पशु-पक्षी भी बेहाल हो जाते हैं। इसलिए गर्मी के मौसम में, जबकि अनेक जलस्रोत सूख जाते हैं, हमें घर के बाहर, छत पर या बालकनी में पक्षियों के लिए दाना-पानी जरूर रखना चाहिए, जिससे कि उन बेजुबान पक्षियों का भी पेट भर सके।”
“हूं… तुम्हारी दादी ने एकदम सही कहा था।” दादाजी ने बच्चों को उत्साहित करते हुए कहा।
“हां दादाजी, इसलिए कल स्कूल से लौटते समय हमने अपनी पॉकेटमनी से दो-दो सकोरे खरीदे हैं। गुड्डू के दोनों सकोरे गार्डन में रहेंगे, पिंकी के बालकनी में और मेरे सकोरे छत पर।” गुड्डी ने कहा।
“शाबाश मेरे बच्चों। तुम्हारी दादी मां ने शायद तुम्हें नहीं बताया होगा कि ज्योतिष शास्त्र में भी कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिसके मुताबिक पक्षियों को पाने पिलाने के बहुत से फायदे हैं। इन्हें दाना डालने और पानी पिलाने से हम पर आने वाली परेशानियां ये बेजुबान जानवर अपने ऊपर ले लेते हैं। इसके अलावा ये हमारी कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी दूर कर देते हैं, जिससे कि हमारी समस्याएं कम होने लगती हैं और हमारे जीवन में सुख-शांति आती है।” दादाजी ने बताया।
“ये तो और भी अच्छी बात है दादाजी। अब हम प्रतिदिन सुबह-शाम सकोरे में दाना और पानी डाला करेंगे।” पिंकी बोली।
“और हां बच्चों, पक्षियों के लिए दाना खरीदने के लिए अब आप लोगों को अपनी पॉकेटमनी खर्च करने की जरुरत नहीं है। तुम्हारे दादाजी पक्षियों के लिए दाना खरीदकर लाते हैं, उसी को आप लोग भी उपयोग करना।” दादी ने कहा।
“हुर्रे… तब तो बहुत मज़ा आएगा।” सब बच्चों ने खुश होकर कहा।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर छत्तीसगढ़

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) 17.) संस्कारों के बीज (लघुकथा संग्रह) अब तक कुल 17 पुस्तकों का प्रकाशन, 80 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : [email protected] डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888