“श्रीराम भक्त” सम्मान से सम्मानित हुए वरिष्ठ कवि सुधीर श्रीवास्तव दम्पत्ति
गोण्डा(उ.प्र.): देहदान की घोषणा कर चुके जनपद के वरिष्ठ कवि/साहित्यकार सुधीर श्रीवास्तव दम्पत्ति को हिंदी दिवस पर राम वाटिका दिगंबर अखाड़ा अयोध्या में माँ कमला परा विद्या शोध संस्थान (रजि.) द्वारा आयोजित ‘मतंग के राम’ अ. भा. कवि सम्मेलन, पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह में उत्कृष्ट और अनूठी काव्य प्रस्तुति हेतु “श्रीराम भक्त”सम्मान से सम्मानित किया गया है।
देहदान की घोषणा करने वाले गोण्डा के सुधीर श्रीवास्तव ने अपनी रचना “मंथरा” प्रस्तुत कर हर किसी को तालियां बजाकर उत्साहित होने को बाध्य कर दिया।
“केकेई ही थी,
जो राम को राजा राम नहीं,
मर्यादा पुरुषोत्तम राम बनाने का,
सारा ताना बाना बुनी”।
मुख्य अतिथि “मर्यादा पुरुषोत्तम श्री सीताराम जी” और अन्य गणमान्य आमंत्रित अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति में आयोजन में उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तराखंड, गुजरात, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थानआदि राज्यों से वरिष्ठ/कनिष्ठ/नवोदित लगभग सौ से अधिक कवियों, कवयित्रियों ने उत्साह के साथ श्री सीताराम जी पर केंद्रित अपनी अपनी काव्य आहुति देकर प्रभु का गुणगान किया।
विदित हो कि विशिष्ट पहचान बना चुके बहुआयामी व्यक्तित्व, बेबाक, सर्वसुलभ, सर्वहितैषी व्यक्तित्व के धनी नवोदित रचनाकारों के लिए सारथी की भूमिका निभाने वाले सुधीर श्रीवास्तव जी विभिन्न राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय पटलों/मंचों से २००० से अधिक सम्मान पत्र प्राप्त कर चुके श्री श्रीवास्तव विभिन्न साहित्यिक पटलों में पदाधिकारी भी हैं।
श्री श्रीवास्तव ३०० से अधिक नये रचनाकारों को यथासंभव प्रेरित करते हुए सहयोग/मार्गदर्शन देते हुए आगे बढ़ाने का भी हर संभव प्रयास करते हुए प्रेरक ,गाडफादर, सारथी की भूमिका लगातार निभा रहे हैं।
नेत्रदान का संकल्प करने के अलावा देहदान की सार्वजनिक घोषणा कर चुके सुधीर श्रीवास्तव के अनुसार आयोजन में विशेष रूप से शामिल होने आतीं पद्मश्री डा. विद्या बिंदू सिंह का आशीर्वाद मिलना उनके लिए अति विशेष रहा।
श्री सुधीर श्रीवास्तव के सम्मानित किए जाने पर आयोजन प्रभारी आर. के. तिवारी “मतंग” और उपस्थित वरिष्ठ कवियों/साहित्यकारों ने आयोजन को सफल बनाने के लिए सुधीर श्रीवास्तव के समर्पित सहयोग की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की। इसके अलावा अनेक साहित्यिक, सामाजिक संगठनों, कवियों, साहित्यकारों, प्रबुद्धजनों ने श्री सुधीर श्रीवास्तव को बधाइयाँ और शुभकामनाएं देते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है।