क्षणिका क्षणिका चेतना सिंह 'चितेरी' 02/06/2023 शांत हो जाओ ! मेरे मन में कमल की कलियांँ खिल रही हैँ | सुनो! सुनाओ ! चेतना प्रकाश का प्रभात है | दो जून की रोटी, बड़ी मेहनत से मिलती है | — चेतना प्रकाश चितेरी