तेंदु फल
माँ नर्मदा जी की 3600 किलोमीटर की पैदल परिक्रमा अमरकंटक से प्रारम्भ कर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से होकर जब गुजर रहा था तो रास्ते में कई तरह के वृक्ष देखने को मिले. ऐसे ही एक़ वृक्ष देखने को मिला जिसमें टमाटर जैसे फल लगे हुए थे. स्थानीय लोगों द्वारा जानकारी लेने पर पता चला कि यह तेंदु का पेड़ है और यह फल तेंदु है अभी कच्चा है अप्रैल, मई में यह पकता है. इस फल को खाने की बड़ी इच्छा रही. मेरी परिक्रमा 14 मार्च को समाप्त हो गईं थी और मैं इस फल की इच्छा के साथ अपने शहर आगरा लौट आया.
मेरी यह इच्छा पूर्ण हुई मेरी पचमढ़ी यात्रा पर. 22 मई को मैं सपत्नी पचमढ़ी घूमने के लिए निकला और 23 मई को पचमढ़ी पहुँच गया. पचमढ़ी सीधी कोई ट्रैन नहीं जाती पिपरिया स्टेशन उतरना पड़ता है. पिपरिया उतर कर हम लोगों ने टेक्सी द्वारा पचमढ़ी जाने का निर्णय लिया. पिपरिया से पचमढ़ी की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है. रास्ते में ड्राइवर ने हमें चिरोंगी के पेड़ दिखाए. उससे हमनें तेंदु के फल का जिक्र किया उसने बताया पिपरिया से पचमढ़ी पूरा इलाका जंगली है और तेंदु के पेड़ भी यहाँ हैं.
ट्रैन हमारी पिपरिया सुबह 7 बजे पहुँच गईं थी और 8.30 बजे तक हम पचमढ़ी अपने होटल पहुँच गए. पचमढ़ी ज्यादा बड़ा नहीं हैं दो दिन में सारे घूमने वाले पॉइंट देखे जा सकते हैं. बी फाल, अप्सरा फाल, गुप्त महादेव, बड़ा महादेव, पांडव गुफ़ा, हांडी खोह, धूपगढ़, जटाशंकर आदि.
जब हम गुप्त महादेव को जा रहे थे तो मंदिर मार्ग में दो तीन जगह डलियों में तेंदु फल रखे हुए देखे . दर्शन करने के बाद लौटते समय रूक कर 10 रूपये के पांच के हिसाब से 10 फल ख़रीदे और पांच पांच हम दोनों पति पत्नी ने खा उसका आनंद लिया. पका तेंदु बाहर से पीला, लाल, नारंगी रंग का होता है अंदर से पीला और खाने में मीठ.पत्नी बोली इसका स्वाद तो पके कटहल जैसा है. मैंने पूछा क्या तुमनें खाया है तो उसका जबाव हाँ में था. क्योंकि मैंने पका कटहल जब पूना जाता हूँ बिकते तो देखा है पर खाया कभी नहीं इस कारण उसके स्वाद को भी नहीं जानता.मुझे तो इसका स्वाद खजूर और आलू बुखारे का मिश्रण सा लगा.
अब उसके गुणों की बात करते हैं.
फाइबर का अच्छा स्रोत
तेंदू फल में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. फाइबर वजन को नियंत्रित रखने और पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक और कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या को दूर रखने में लाभकारी माना जाता है.
सूजन को कम करने में सहायक
लिसबन मेडिसिन एंड फार्मास्यूटिकल साइंसेज विश्वविद्यालय द्वारा तेंदू फल पर किए गए एक शोध में पाया गया कि इस फल के अर्क में एंटी-इन्फ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है. इस प्रभाव के कारण यह अर्थराइटिस (जोड़ों में दर्द) की समस्या में राहत पहुंचाने में मदद करता है.साथ ही अन्य सामान्य सूजन और उसके कारण होने वाले दर्द की समस्या से भी राहत दिलाने में यह सहायक साबित हो सकता है
हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
विशेषज्ञों के मुताबिक, तेंदू फल में कैरोटिनॉइड और टैनिन नाम के दो खास तत्व पाए जाते हैं.ये तत्व फ्री-रेडिकल्स (मुक्त कणों) के प्रभाव को दूर कर हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसे हृदय संबंधी जोखिमों को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं. इस कारण यह कहा जा सकता है कि तेंदू फल का उपयोग हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित हो सकता है.
ब्लड शुगर को करे नियंत्रित
पॉलीफिनोल्स की मौजूदगी के कारण तेंदू फल में एंटी-ऑक्सीडेंट (ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने वाले) और एंटी डायबिटिक (बल्ड शुगर को कम करने वाले) प्रभाव पाए जाते हैं. हाई ब्लड शुगर की मुख्य वजहों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी शामिल है.इस कारण तेंदू फल के यह दोनों ही प्रभाव स्वाभाविक रूप से हाई ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकते हैं.
प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत
विशेषज्ञों के मुताबिक तेंदू फल के जूस में फेनोलिक एसिड, कैटेचिन, अमीनो एसिड के साथ-साथ फेनोलिक और फ्लेवोनोइड तत्व पाए जाते हैं, जो संयुक्त रूप से इसे बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट बनाते हैं.ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण शुगर, गठिया, सूजन और हृदय रोग जैसी कई समस्याओं के होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं.इस कारण यह माना जा सकता है कि इन सभी समस्याओं में तेंदू का फल काफी हद तक सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है.