कविता जीवन एक़ संघर्ष *ब्रजेश गुप्ता 03/06/2023 जीवन एक़ अंतहीन संघर्ष है जहाँ कदम रुके वहीं मौत है. इसलिए राही तू चलता चल मंजिल पे निगाहेँ टिका रख कदम डगमगाएं थोड़ा रुक सभल फिर राह अपनी पकड़