छोटा-सा तिनका
तिनका-तिनका जोड़कर, चिड़िया बनाती है घोंसला,
कभी टिका रहता है, कभी हवा के झोंके से गिर जाता है घोंसला. (1)
धैर्य धारण कर चिड़िया, जोड़े नया इक नीड़,
साहस-दाता प्रभु का आभार माने, धन्य है उसकी पीड़. (2)
तिनके को कमतर मत समझो, दृग में जो पड़ जाए,
है तो एक छोटा-सा तिनका, आँख घायल कर जाए. (3)
तिनके की ओट ले माता सीता ने, ललकारा रावण को,
लाज का पर्दा बन गया तिनका, लाज तब भी न आई रावण को. (4)
तृण को चीर कर कृष्ण ने, भीम को संकेत दिया था,
भीम ने दो टुकड़ों में तभी, जरासंघ की देह को बाँट दिया था. (5)
घास-फूस-तिनकों को जोड़ कर, भिलनी ने जोड़ी कुटिया,
जूठे बेर राम ने खाए, स्वीकारी जल-लुटिया. (6)
‘डूबते को तिनके का सहारा’, तिनके का आभार मानना’
‘तिनके को पहाड़ कर दिखाना’, तिनके पर मुहावरे जानना. (7)
‘तिनके की चटाई नौ बीघा फैलाई’, एक भी प्रतिज्ञा पूरी न हो पाई,
प्रतिज्ञा से पहले जो सोचा होता, होती नहीं यों जग-हँसाई! (8)
भोजन में तिनका पड़े, देखे न कोई खा पाय,
घास-फूस की रोटी खा, राणा ने दी आन बचाय. (9)
नजर न लग जाए बाल को, माता तिनका तोड़े,
छोटे-से तिनके में अद्भुत शक्ति, किसे तोड़े, किसे जोड़े! (10)