कविता

मधुर मुस्कान

मुस्कुराहट है एक अनमोल उपहार,
मधुर मुस्कान पर कुर्बान, सारा जहान,
मुस्कुराहट के मोती बिखेरो दो-चार,
सब होंगे मधुर मुस्कान पर सहर्ष कुर्बान।
मधुर मुस्कान मित्रता का आधार है,
मधुर मुस्कान से सौहार्द होता साकार है,
परायापन नहीं रहता, पराए भी हो जाते अपने,
मधुर मुस्कान सृष्टि के सौंदर्य का आभार है।
मुस्कानों के फूल हैं खिलते, महकता जग सारा,
जिधर चलो, उधर ही सजता, गुलशन प्यारा-न्यारा,
कुदरत का वरदान, अधरों की शान है मुस्कान,
मधुर मुस्कान ने कठिन परिस्थितियों से है उबारा।
मुस्कुराहट खुदा की हार्दिक इबादत है,
वही मुस्कुरा सकता जिस पर रब की इनायत है,
रब की इनायत पाने को मुस्कुराया करो हर हाल में,
खुशगवार जिंदगी के लिए, यह बुजुर्गों की हिदायत है।

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244