कविता

आज योग, कल अयोग्य

भर-भर स्याही कलम चलाने वाले
आज सभी उपदेश योग पर दे जाएंगे।।
कल ये देर तक बिस्तर में पाए जाएंगे।।
विडियो साझा कर योग का रूतबा जमाएंगे
कल ये ही योग को अयोग्य कर पाए जाएंगे।।
सुनो ये कुछ नया नहीं देश मे मेरे यारों
देखा देखी कर नकल सभी कर जाएंगे।।
कुछ कर विशेष दिन वाहवाही लूटने वाले ये
दूजे विशेष दिन के इंतजार मे नज़र आएंगे।।
आया दूजा जो कोई विशेष दिन करीब तो ये
दो-तीन दिन पूर्व, उत्साह मिल मंच पर जताएंगे।।
बीत गया जब कोई विशेष दिन भूल उसको
साधारण अवस्था मे आ आराम फरमाएंगे।।
इनसे बड़ा कोई ज्ञानी महारथी नहीं कोई भी
कलम का जादू बिखेर लिख ऐसा जताएंगे।।
अरे इंसानी फितरत है ये कोई नई बात नहीं
सम्मान पत्र की चाह मे योग विडियो बनाएंगे।।
पटलों पर कर साझा खुद को महान बताएंगे।।
वीना की बात में दम है यारों पढ़
यही सोच मन ही मन मुस्कुराएंगे।।
भर-भर स्याही कलम चलाने वाले
आज सभी उपदेश योग पर दे जाएंगे।।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित