काल का पंजा
हमारी पड़ोसिन नहाकर कमरे में आई. टांगों में तकलीफ होने के कारण वह कमरे में पलंग पर बैठकर ही कपड़े पहन पाती थी. पलंग पर बैठने से पहले ही धम की आवाज हुई, बेटी-बहू दौड़ी आईं, तब तक पंछी पिंजरे से जा चुका था.
यह सुनकर मुझे 25 साल पहले की एक घटना याद आई. मैं पार्क में सैर कर रही थी. एक बिल्ली एक छोटी-सी गिलहरी के पीछे पड़ी हुई थी. बिल्ली से बचने के लिए गिलहरी ने रस्ते के दूसरी ओर जाने के लिए तेजी से दौड़ लगाई. बीच रस्ते में ही थी, कि एक कौआ उसे दबोचकर उड़ गया.
काल का पंजा कब, कहां, कैसे दबोच ले, जानना मुश्किल है.