कविता

योग दिवस 

आओ हम सब योग करे,
अपनी जिंदगी को निरोग करे,
तन मन स्वस्थ रहे हमारा,
आओ यह संकल्प करे,
ऋषि मुनियों ने समझाया,
फिर भी हमको समझ ना आया,
शरीर योग  से स्वस्थ रहे हमारा,
यह हमको अब समझ में आया,
मानव मन को समझाना होगा,
योग की अलख जलाना होगा,
सबको योग का महत्व समझाना होगा,
इसमे ना कोई खर्चा ना कोई जीम ,
पार्क या घर पर चटाई बिछा कर,
योग करे सब मिलजुलकर,
जीवन मिला बड़े नसीब से,
इसका भी ध्यान रखें हम,
योग दिवस का करे सम्मान,
यही बिडम्बना है हम सब की,
हमने योग बहुत बाद में अपनाया,
योग दिवस की बहुत बहुत बधाई। ।
— गरिमा लखनवी

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384