रात्रि
हमारे आपके जीवन का
एक अहम हिस्सा है रात्रि,
जिसके बिना जीवन अधूरा सा लगता है
रात्रि न हो तो इंसान
सूकून की सांस लेना भूल जाये,
विश्राम की बात उसके भेजें में भी न आये
थोड़ा और थोड़ा और करते करते करते
वह मशीन बन जाते
तन ही नहीं मन से भी तक जाते,
अपने लिए तो क्या परिवार समाज के लिए भी
वक्त न निकाल पाये।
उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो जाते
तन मन में स्फूर्ति तनिक न आ पाते
बेवजह मरीज बन जाये।
आराम की बात कही सोचे ही नहीं
काम कभी पूरा लगे ही नहीं
लोभ वाले से न बच पाए
मशीन से मुकाबला करने लग जाते
असमय काल का ग्रास बन जाए
यदि हमारे जीवन में
रात्रि के बाद दिन के क्रम
यदि न आते जाते।