मंडला–नवोदय साहित्यिक मंच पर ऑनलाइन होकर सुप्रसिद्ध कवि/लेखक व शासकीय डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रो.(डा)शरद नारायण खरे जी ने नवोदय साहित्यिक मंच की पत्रिका नवोदय निर्झरिणी अंक-10 के विमोचन को संपन्न किया। उन्होंने कहा पत्रिका का अलंकरण बहुत ही सुंदर है और संपादक मंडल का मेहनत व श्रम इस पत्रिका में दिखाई पड़ रही है। इस पत्रिका को जितनी बार भी पढ़ा जाए कम है। उन्होंने विमोचन का अवसर प्रदान करने के लिए मंच के संस्थापक डॉ. ओउम् प्रकाश मिश्र मधुब्रत जी और कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कान्त मिश्र दोनों का आभार व्यक्त किया। तथा पत्रिका में सम्मिलित सभी रचनाकारों को बधाई प्रेषित किया। इस अवसर पर नवोदय साहित्यिक मंच के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पत्रिका के संपादक डॉ. कृष्ण कान्त मिश्र ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर विमोचनकर्ता का हौसला आफजाई करते रहे। तथा साथ ही साथ मंच की उपाध्यक्षा/प्रधान-संपादिका डॉ. पूर्णिमा पाण्डेय ने भी अपनी उपस्थिति देकर अपनी टिप्पणी से साक्षी भाव व्यक्त किया। इसी क्रम में मंच के संस्थापक अध्यक्ष डॉ० ओउम् प्रकाश मिश्र मधुब्रत जी ने विमोचन में अपने स्नेहाशीष रूपी टिप्पणी प्रदान कर उनको धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी सम्मिलित रचनाकारों को बधाई प्रेषित किया।
प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे ने प्रतिभागियों को उल्लासित करते हुए यह मुक्तक पढ़ा-
“साथ अपने,अपने हिस्से की धूप लेकर चलो।
चमकना चाहते हो तो साथ अपने सूरज का रूप लेकर चलो।
बांटना चाहते हो रोशनी यदि इस जहान में तुम ‘शरद’,
तो जलो मगर साथ अपने दीपक का रूप लेकर जलो।।
इसके अलावा मंच पर अन्य रचनाकार शशिकला नायक, एकता गुप्ता, रीता गुलाटी,रूप माला, गौतम सिंह अनजान आदि सुप्रसिद्ध कवि कवयित्री उपस्थित रहें। मंच के प्रमाणन अधिकारी व सुप्रसिद्ध छंदाचार्य डॉ.लवकुश तिवारी जी ने अपने आशीषरूपी टिप्पणियों से कार्यक्रम को सफल बनाया और मंच के मीडिया अधीक्षक आ० सुधीर श्रीवास्तव जी ने सकारात्मक टिप्पणियों से विमोचनकर्ता का उत्साहवर्धन किया। मुख्य अतिथि प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे जी ने बड़े ही बेहतरीन तरीके से पत्रिका के बारीकियों को बताते हुए अपनी अभिव्यक्ति प्रदान की। तत्पश्चात सभी सम्मिलित रचनाकारों को नवोदय निर्झरिणी साक्षी सम्मान से सम्मानित किया गया।