लघुकथा

जादू

लगातार 25 ऑपरेशन करके डॉक्टर साहब निकलने ही वाले थे, कि 21 वर्षीय एक नौजवान को उनकी लैब में लाया गया. वह मर गया-सा प्रतीत होता था. जांच में देखा कि उसे जबर्दस्त हृदयाघात हुआ था. उनके पास खोने के लिए तो कुछ था ही नहीं. उन्होंने उस नौजवान को आवश्यक मसाज दी और फिर आर्टिफिशियल सपोर्ट सिस्टम पर रखा. अंततः एक घंटे तक उसका ऑपरेशन किया. युवक को बचा लिया गया था.
उनके मन में प्रश्न था कि इस नौजवान को हार्ट अटैक क्यों आया? परिजनों ने जो जानकारी दी थी कि उसमें कोई ऐब नहीं था, एक छोटी-सी गलतफहमी के कारण पति-पत्नी आपस में बात तक नहीं करते और अब तो लगभग डायवोर्स के कगार पर हैं.
“अगले 3 महीने तक मेरी ओ.पी.डी. में हर मंगलवार को अपने पति का हाथ पकड़ कर लेकर आइए. केवल तीन महीने के लिए. इस दौरान आप एक दूसरे को एक नये दृष्टिकोण से समझिए और एडजस्ट करने की कोशिश कीजिए मेरे कहने से. एक दूसरे को स्वीकार करने की कोशिश करें.” डॉक्टर साहब ने नौजवान की पत्नी से कहा.
वे तीनों अब एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं. डॉक्टरी और इंसानियत का जादू काम कर गया था.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244