मुक्तक
पत्थर भी पिघल जाएगा, बस मनुहार करके देख।
नहीं तुमको मिले यदि जीत तो फिर प्यार करके देख।
विरोधी ही नहीं दुनिया तुम्हारी फैन हो जाए।
किसी की जीत की खातिर कभी तू हार करके देख।
— सुरेश मिश्र
पत्थर भी पिघल जाएगा, बस मनुहार करके देख।
नहीं तुमको मिले यदि जीत तो फिर प्यार करके देख।
विरोधी ही नहीं दुनिया तुम्हारी फैन हो जाए।
किसी की जीत की खातिर कभी तू हार करके देख।
— सुरेश मिश्र