सितारा
‘‘नानी-नानी, आसमान में सितारे कैसे चमकते हैं ?’’ गोलू ने बड़ी मासूमीयत से पूछा।
कुछ सोचकर नानी बोलीं, ‘‘बेटा जो आदमी जितना अच्छा और नेक काम करता है, वह सितारा बनकर आसमान में उतना ही ज्यादा चमकता है।’’
‘‘क्या मैं भी सितारा बन सकता हूँ।’’ गोलू ने पूछा।
नानी बोलीं, ‘‘हाँ-हाँ क्यों नहीं, बिल्कुल बन सकते हो।’’
अब गोलू को सितारा बनने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि उसने निश्चय कर लिया है कि उसे सितारा बनना ही है।
— डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा