बाल साहित्यबालोपयोगी लेख

आज के समय में बालसाहित्य लेखन

बालक का संसार में आकर प्रथम रुदन सूर्योदय के साथ चिड़ियों का कलरव गाय का अपने बछड़े के लिए रम्भाना हिरणों का अपनी मां के पीछे कुलाचें मार दौड़ लगाना सृष्टि के आरम्भ से अब तक एक कविता बाल साहित्य ही तो है।हां समय और मानव आवश्यकताओं ने अब तक बहुत कुछ बदल दिया है।जीवन बदला है सोच बदली है रहन सहन खान पान जीने का रंग ढंग परम्पराओं संस्कृति आदर्शों के साथ साथ आज अधुनातन तकनीक सूचना प्रौद्योगिकी को अपने से जोड़ लिया है।यह अन्दर बाहर का जोड़ तन मन का परिवर्तन अच्छी तरह से समझाने का काम बालसाहित्य के माध्यम से किया जा सकता है।

आज बालसाहित्य सर्जकों का दायित्व पहले से अधिक बढ़ गया है।विज्ञान के व्यापक क्षेत्र प्रसार व प्रभाव को ध्यान में रखकर विज्ञान से जोड़ना ही नहीं है साथ ही इस जुड़ाव के बाद सदुपयोग से दुरुपयोग की ओर कब चल देते हैं उससे सावधान जागरूक भी करना है।हर समय युग ज्ञान विज्ञान सूचना तकनीक प्रौद्योगिकी के साथ जुड़ी मान मर्यादा को इस तरह से जोड़ना है कि बालक जहां जहां अपना समय बिताता है वह सब घर परिवार समाज खेल के मैंदान विद्यालय जुड़ जाएं।उसकी मित्रमंडली कहां पर और कब बात ही बात में सीमा से आगे बढ़ जाती है उसे विज्ञान के ज्ञान की रोचकता के साथ खेल खेल में ही पता चल जाए।यही नहीं वह यह भी समझ सके कि समय और ज्ञान का महत्व व जीवन में उपयोग क्या है।इसकी अवहेलना भविष्य में कितनी भारी पड़ सकती है।वह अपने जीवन मूल्यों को भूलने के साथ-साथ रास्ते से भटक सकता है।

एक समस्या हमारे सामने पहले से थी कि जिसके लिए बालसाहित्य लिखा जा रहा है,उस तक पहुंचना कठिन हो रहा है।डाक विभाग के नाम की तथाकथित सार्थकता ने बालसाहित्य की पत्रिकाओं और पाठकों ग्राहकों के बीच बड़ी खाई पैदा कर दी है।दूसरों की क्या कहूं मेरे पास कभी बीस के आसपास पत्रिकाएं नियमित आती थीं।आज दो चार ही पहुंचती हैं वह भी कई कई महीने में।बहुत सी पत्रिकाएं आनलाइन रूप में उपलब्ध हैं निकलती हैं आती है पर जिनके लिए लिखी जा रही हैं वह कम पढ़ना पसन्द करते हैं।मेरे पास कई बालसाहित्य की पत्रिकाएं ई रूप में नियमित आती हैं बच्चों के समूह में शेयर करता हूं।पर पूछने पर पता चलता है कि उन्होंने पीडीएफ ही नहीं खोला पढ़ना तो दूर की बात है।कारण पूछने पर कहते हैं कि सब तो गूगल में है।क्या करना पढ़कर।ऊपर से सरकार की नीतियां पढ़ने की ओर कम ऐन केन प्रकारेण पास होने की ओर अधिक धकेल रही हैं।रही सही कसर बालकों के अभिभावकों माता पिता का पहले ए प्लस लाने और फिर कैरियर बनाओं का जोर पूरा कर देता है।जहां तक मेरे सम्पर्क के पुस्तकालयों का प्रश्न है कक्षा आठ तक बच्चे बालसाहित्य की पुस्तकें मांगते हैं।उसके बाद मांगना ही बन्द कर देते हैं अथवा अपने कोर्स कैरियर सामान्य ज्ञान की पुस्तकों पर अधिक जोर रहता है।एक हजार संख्या में में यदि पांच छ ही प्रतिदिन बालसाहित्य मांग रहे हैं तो यह सन्तोषजनक नहीं कहा जा सकता।

अब प्रश्न बालसाहित्य में विज्ञान लेखन को रोचकता सरलता के साथ लिखने की आवश्यकता तो है ही।उन्हें गूगलबाबा के मोहजाल से भी बाहर लाना है।गूगल व अन्य अन्तरजाल समूहों का अपने स्थान पर महत्व है।आज के समय में आवश्यकता भी है पर एक मर्यादा तक ही यह सब सभी के लिए कल्याणकारी है।उनके लिए बालसाहित्य की उपयोगिता जीवन में महत्व का प्रयोग से अनुभव कराना है।मोबाइल टेबलेट हाथ में पकड़ने के साथ साथ उसके उपयोग की लक्ष्मण रेखा के प्रति भी जागरूक करना है।साथ ही जितना सृजन आवश्यक हैं उतना ही प्रसार प्रचार सम्बन्धित तक पहुंचाना भी आवश्यक है।जिसका माध्यम वह सभी हो सकते हैं जहां जहां बालक अपना समय बिताता है।पढ़ने की आदत पुनः नियमित करने की ओर बढ़ना है।पुस्तकों पत्रिकाओं को मित्र बनाना बनवाना है।करोड़ों रुपये की हर साल बालसाहित्य की पुस्तकें विभिन्न सरकारों द्वारा पुस्तकालयों तक पहुंचती है।बालक पाठक कैसे मांगकर पढ़े यह करना है।

                          

*शशांक मिश्र भारती

परिचय - शशांक मिश्र भारती नामः-शशांक मिश्र ‘भारती’ आत्मजः-स्व.श्री रामाधार मिश्र आत्मजाः-श्रीमती राजेश्वरी देवी जन्मः-26 जुलाई 1973 शाहजहाँपुर उ0प्र0 मातृभाषा:- हिन्दी बोली:- कन्नौजी शिक्षाः-एम0ए0 (हिन्दी, संस्कृत व भूगोल)/विद्यावाचस्पति-द्वय, विद्यासागर, बी0एड0, सी0आई0जी0 लेखनः-जून 1991 से लगभग सभी विधाओं में प्रथम प्रकाशित रचना:- बदलाव, कविता अक्टूबर 91 समाजप्रवाह मा0 मुंबई तितली - बालगीत, नवम्बर 1991, बालदर्शन मासिक कानपुर उ0प्र0 -प्रकाशित पुस्तकें हम बच्चे (बाल गीत संग्रह 2001) पर्यावरण की कविताएं ( 2004) बिना बिचारे का फल (2006/2018) क्यो बोलते है बच्चे झूठ (निबध-2008/18)मुखिया का चुनाव (बालकथा संग्रह-2010/2018) आओ मिलकर गाएं(बाल गीत संग्रह 20011) दैनिक प्रार्थना(2013)माध्यमिक शिक्षा और मैं (निबन्ध2015/2018) स्मारिका सत्यप्रेमी पर 2018 स्कूल का दादा 2018 अनुवाद कन्नड़ गुजराती मराठी संताली व उड़िया में अन्यभाषाओं में पुस्तकें मुखिया का चुनाव बालकथा संग्रह 2018 उड़िया अनुवादक डा0 जे.के.सारंगी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन -जून 1991 से हास्य अटैक, रूप की शोभा, बालदर्शन, जगमग दीपज्योति, देवपुत्र, विवरण, नालन्दा दर्पण, राष्ट्रधर्म, बाल साहित्य समीक्षा, विश्व ज्योति, ज्योति मधुरिमा, पंजाब सौरभ, अणुव्रत, बच्चों का देश, विद्यामेघ, बालहंस, हमसब साथ-साथ, जर्जर कश्ती, अमर उजाला, दैनिक जनविश्वास, इतवारी पत्रिका, बच्चे और आप, उत्तर उजाला, हिन्दू दैनिक, दैनिक सबेरा, दै. नवज्योति, लोक समाज, हिन्दुस्तान, स्वतंत्र भारत, दैनिक जागरण, बालप्रहरी, सरस्वती सुमन, बाल वाटिका, दैनिक स्वतंत्र वार्ता, दैनिक प्रातः कमल, दैं. सन्मार्ग, रांची एक्सप्रेस, दैनिक ट्रिब्यून, दै.दण्डकारण्य, दै. पायलट, समाचार जगत, बालसेतु, डेली हिन्दी मिलाप उत्तर हिन्दू राष्ट्रवादी दै., गोलकोण्डा दर्पण, दै. पब्लिक दिलासा, जयतु हिन्दू विश्व, नई दुनिया, कश्मीर टाइम्स, शुभ तारिका, मड़ई, शैलसूत्रं देशबन्धु, राजभाषा विस्तारिका, दै नेशनल दुनिया दै.समाज्ञा कोलकाता सहित देश भर की दो सौ से अधिक दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, द्वैमासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक व वार्षिक पत्र-पत्रिकाओं में अनवरत। अन्तर जाल परः- 12 अगस्त 2010 से रचनाकार, साहित्य शिल्पी, सृजनगाथा, कविता कोश, हिन्दी हाइकु, स्वर्गविभा, काश इण्डिया ,मधेपुरा टुडे, जय विजय, नये रचनाकार, काव्यसंकलन ब्लाग, प्रतिलिपि साहित्यसुधा मातृभाषाडाटकाम हिन्दीभाषा डाटकाम,युवाप्रवर्तक,सेतु द्विभाषिक आदि में दिसम्बर 2018 तक 1000 से अधिक । ब्लागसंचालन:-हिन्दी मन्दिरएसपीएन.ब्लागपाट.इन परिचय उपलब्ध:-अविरामसाहित्यिकी, न्यूज मैन ट्रस्ट आफ इण्डिया, हिन्दी समय मा. बर्धा, हिन्दुस्तानी मीडियाडाटकाम आदि। संपादन-प्रताप शोभा त्रैमा. (बाल साहित्यांक) 97, प्रेरणा एक (काव्य संकलन 2000), रामेश्वर रश्मि (विद्यालय पत्रिका 2003-05-09), अमृतकलश (राष्ट्रीय स्तर का कविता संचयन-2007), देवसुधा (प्रदेशस्तरीय कविता संचयन 2009),देवसुधा (अ भा कविता संचयन 2010), देवसुधा-प्रथम प्रकाशित कविता पर-2011,देवसुधा (अभा लघुकथा संचयन 2012), देवसुधा (पर्यावरण के काव्य साहित्य पर-2013) देवसुधा पंचम पर्यावरणविषयक कविताओं पर 2014 देवसुधा षष्ठ कवि की प्रतिनिधि काव्यरचना पर 2014 देवसुधा सात संपादकीय चिंतन पर 2018 सह संपादन लकड़ी की काठी-दो बालकविताओं पर 2018 आजीवन.सदस्य/सम्बद्धः-नवोदित साहित्यकार परिषद लखनऊ-1996 से -हमसब साथ-साथ कला परिवार दिल्ली-2001 से -कला संगम अकादमी प्रतापगढ़-2004 से -दिव्य युग मिशन इन्दौर-2006 से -नेशनल बुक क्लव दिल्ली-2006 से -विश्व विजय साहित्य प्रकाशन दिल्ली-2006 से -मित्र लोक लाइब्रेरी देहरादून-15-09-2008 से -लल्लू जगधर पत्रिका लखनऊ-मई, 2008 से -शब्द सामयिकी, भीलबाड़ा राजस्थान- -बाल प्रहरी अल्मोड़ा -21 जून 2010 सेव वर्जिन साहित्य पीठ नई दिल्ली 2018 से संस्थापकः-प्रेरणा साहित्य प्रकाशन-पुवायां शाहजहांपुर जून-1999 सहसंस्थापक:-अभिज्ञान साहित्यिक संस्था बड़ागांव, शाहजहांपुर 10 जून 1991 प्रसारणः- फीबा, वाटिकन, सत्यस्वर, जापान रेडियो, आकाशवाणी पटियाला सहयोगी प्रकाशन- रंग-तरंग(काव्य संकलन-1992), काव्यकलश 1993, नयेतेवर 1993 शहीदों की नगरी के काव्य सुमन-1997, प्रेरणा दो 2001 प्यारे न्यारे गीत-2002, न्यारे गीत हमारे 2003, मेरा देश ऐसा हो-2003, सदाकांक्षाकवितांक-2004, सदाकांक्षा लघुकथांक 2005, प्रतिनिधि लघुकथायें-2006, काव्य मंदाकिनी-2007, दूर गगन तक-2008, काव्यबिम्ब-2008, ये आग कब बुझेगी-2009, जन-जन के लिए शिक्षा-2009, काव्यांजलि 2012 ,आमजन की बेदना-2010, लघुकथा संसार-2011, प्रेरणा दशक 2011,आईनाबोलउठा-2012,वन्देमातरम्-2013, सुधियों के पल-2013, एक हृदय हो भारत जननी-2015,काव्यसम्राटकाव्य एवं लघुकथासंग्रह 2018, लकड़ी की काठी एक बालकाव्य संग्रह 2018 लघुकथा मंजूषा दो 2018 लकड़ी की काठी दो 2018 मिली भगत हास्य व्यंग्य संग्रह 2019 जीवन की प्रथम लघुकथा 2019 आदि शताधिक संकलनों, शोध, शिक्षा, परिचय व सन्दर्भ ग्रन्थों में। परिशिष्ट/विशेषांकः-शुभतारिका मा0 अम्बाला-अप्रैल-2010 सम्मान-पुरस्कारः-स्काउट प्रभा बरेली, नागरी लिपि परिषद दिल्ली, युगनिर्माण विद्यापरिषद मथुरा, अ.भा. सा. अभि. न. समिति मथुरा, ए.बी.आई. अमेरिका, परिक्रमा पर्यावरण शिक्षा संस्थान जबलपुर, बालकन जी वारी इण्टरनेशनल दिल्ली, जैमिनी अकादमी पानीपत, विन्ध्यवासिनी जन कल्याण ट्रस्ट दिल्ली, वैदिकक्रांति परिषद देहरादून, हमसब साथ-साथ दिल्ली, अ.भा. साहित्य संगम उदयपुर, बालप्रहरी अल्मोड़ा, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद, कला संगम अकादमी प्रतापगढ़, अ. भा.राष्ट्रभाषा विकास संगठन गाजियाबाद, अखिल भारतीय नारी प्रगतिशील मंच दिल्ली, भारतीय वाङ्मय पीठ कोलकाता, विक्रमशिला विद्यापीठ भागलपुर, आई.एन. ए. कोलकाता हिन्दी भाषा सम्मेलन पटियाला, नवप्रभात जनसेवा संस्थान फैजाबाद, जयविजय मासिक, काव्यरंगोली साहित्यिक पत्रिका लखीमपुर राष्ट्रीय कवि चौपाल एवं ई पत्रिका स्टार हिन्दी ब्लाग आदि शताधिक संस्था-संगठनों से। सहभागिता-राष्ट्रीय- अन्तर्राष्टीय स्तर की एक दर्जन से अधिक संगोष्ठियों सम्मेलनों-जयपुर, दिल्ली, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, देहरादून, अल्मोड़ा, भीमताल, झांसी, पिथौरागढ़, भागलपुर, मसूरी, ग्वालियर, उधमसिंह नगर, पटियाला अयोध्या आदि में। विशेष - नागरी लिपि परिषद, राजघाट दिल्ली द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर वरिष्ठ वर्ग निबन्ध प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार-1996 -जैमिनी अकादमी पानीपत हरियाणा द्वारा आयोजित तीसरी अ.भा. हाइकु प्रतियोगिता 2003 में प्रथम स्थान -हम सब साथ-साथ नई दिल्ली द्वारा युवा लघुकथा प्रतियोगिता 2008 में सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति सम्मान। -सामाजिक आक्रोश पा. सहारनपुर द्वारा अ.भा. लघुकथा प्रति. 2009 में सराहनीय पुरस्कार - प्रेरणा-अंशु द्वारा अ.भा. लघुकथा प्रति. 2011 में सांत्वना पुरस्कार --सामाजिक आक्रोश पाक्षिक सहारनपुर द्वारा अखिल भारतीय लघुकथा प्रतियोगिता-2012 में सराहनीय पुरस्कार -- जैमिनी अकादमी पानीपत हरियाणा द्वारा आयोजित 16 वीं अ.भा. हाइकु प्रतियोगिता 2012 में सांत्वना पुरस्कार ,जैमिनी अकादमी पानीपत हरियाणा द्वारा आयोजित 24 वीं अ.भा. लघुकथा प्रतियोगिता 2018 में सांत्वना पुरस्कार सम्प्रति -प्रवक्ता संस्कृत:-राजकीय इण्टर कालेज टनकपुर चम्पावत उत्तराखण्ड स्थायी पताः- हिन्दी सदन बड़ागांव, शाहजहांपुर- 242401 उ0प्र0 दूरवाणी:- 9410985048, 9634624150 ईमेल [email protected]/ [email protected]