गीत/नवगीत

माँ

आ रही है याद हर पल गाँव की।

धूप में जलते वो’ नन्हें पाँव की।

माँ मुझे तू याद इतनी आ रही।

रात भी अब नींद के बिन जा रही।

आँख से आंसू निकलते हैं मेरे।

अब मुझे दर्शन मिलेंगे कब तेरे।

धूल माथे कब लगालूँ पाँव की।

आ रही है याद मुझको गाँव की।

याद आता है मुझे बचपन मेरा।

खूब भाता था मुझे आँचल तेरा।

दौड़ कर मैं जब लिपट जाता गले।

तू छिपाती थी मुझे आँचल तले।

सुरमयी सुन्दर सलौनी छाँव की।

आ रही है याद मुझको गाँव की।

— संजय कुमार गिरि

संजय कुमार गिरि

कवि शायर -संजय कुमार गिरि पिता ,श्री धनुषधारी गिरि माता -श्री मति सुशिला देवी गुरु --स्व:डॉ राम प्रसाद मिश्र शिक्षा -स्नातक हिंदी (दिल्ली) ,कॉलेज ..पी.जी .डी.ऐ. वी .(संध्या)कॉलेज ,दिल्ली यूनिवर्सिटी सम्प्रति -सिक्यूरिटी ऑफिसर्स Group 4 Security घर का पता -जे -288/3, करतार नगर दिल्ली -110053(गीता ब्यूटी पालर ),दूरभाष -9871021856 प्रकाशन -"काव्यशाळा" कविता संग्रह में 24 कवियों की रचनाओं का संकलन "काव्यमाला" शीघ्र प्रकाशनार्थ ! तकनीकी शिक्षा-पेंटर (स्केचिंग,फाइनआर्ट ) सम्मान-१.मद्ये-निषेध निदेशालय दिल्ली सरकार द्वारा वर्ष १९९६-९७ में आयोजित गीत ,कविता प्रतियोगिता में प्रोत्साहन पुरस्कार दिल्ली के स्वस्थ मंत्री श्री हर्ष वर्धन द्वारा सम्मानित। 2.साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित -युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच ! 3.उपन्यास खट्टे मीठे रिश्ते--- साहित्य की अनुपम कृति एवं विश्व रिकॉर्ड की हकदार औपन्यासिक कृति 'खट्टे मीठे रिश्ते' में लेखकीय सहयोग हेतु विश्व हिंदी संस्थान कनाडा.के संस्थापक ,एवं प्रयास ई पत्रिका के सम्पादक ,प्रो.सरन घई जी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया 4. "साहित्य प्रहरी सम्मान "शुभ प्रभात मंच द्वारा समानित ! 5."काव्यशिरो मणि "मालिक फेंस कल्ब द्वारा समानित ! उपलब्धि - पत्रिकाओ में निरंतर प्रकाशित रचनाएँ :ट्रू मिडिया (दिल्ली),समर सलिल( लखनऊ ),राष्ट्रीय प्रस्तावना (लखनऊ),तीसरी जंग (अलीगढ .) ,दिशेरा टाइम्स (रायबरेली )दिन प्रतिदिन (अम्बाला )आज समाज (गुडगाँव )अवाम ऐ हिन्द (दिल्ली )शिखर विजय (जयपुर),अक्षर वार्ता (उज्जैन )आप अभी तक (गाज़ियाबाद) ! मुख्य वेब साइट- http://giriarts.blogspot.com