सामाजिक

जादू की झप्पी सकारात्मक उर्जा का प्रमाण है

स्पर्श की भी एक भाषा होती है, स्पर्श से इंसान की नीयत का भी पता चल जाता है। कभी-कभी किसी अपने की छुअन काँटों सी कंटीली होती है, तो कभी-कभी कोई पराया हाथ पर अपना हाथ रखकर हर दर्द से निजात दे जाता है।

हमारे प्राचीन ग्रंथों में प्राकृतिक उपचार के रूप में सूर्य चिकित्सा, मंत्र चिकित्सा, अग्नि चिकित्सा, वायु चिकित्सा, जल चिकित्सा के साथ-साथ स्पर्श चिकित्सा का भी उल्लेख किया गया है।

आलिंगन संसार की सर्वोत्तम चिकित्सा पद्धति है, बरसती आँखों का सबसे बड़ा ढ़ाढस है गले लगाना। स्पर्श से बेहतरीन प्रेम और परवाह का कोई अनुवाद नहीं। जादू की झप्पी सकारात्मक उर्जा का सबसे बड़ा प्रमाण है। बेहद निराशा की परिस्थिति में कोई हमें गले लगाकर कहे कि, चिंता मत कर सब ठीक हो जाएगा, वो क्रिया अवसाद ग्रस्त व्यक्ति में सकारात्मक उर्जा भर देती है। 

अवसाद के आलम में हाथ पर हाथ रखकर कोई मैं हूँ न कहते अहसास में अपनेपन की नमी घोलकर छूता है, तब रोम-रोम खिल उठता है। ज़िंदगी की हर जंग जीतने के लिए मनोबल द्रढ़ होता है। शब्दों की जरूरत नहीं होती, मौन स्पर्श सबकुछ कह देता है।  

और माँ की ममता, पिता की परवाह स्पर्श की एक सुंदर परिभाषा का सबसे बड़ा प्रमाण है बिन छुए भी माँ के अहसास कोख में पल रहे बच्चे को रक्षता है। और पिता का स्नेहिल हाथ सर पर फिरता है तब एक महफ़ूज़ छत सा महसूस होता है।

स्पर्श में भी एक मनचाहा स्पर्श होता है छूता है जब आशिक आँखों से प्रिया के

उर को अंग-अंग से इश्क का आबशार बरसने लगता है। खून की रवानी में झनझनाहट दौड़ने लगती है। चाहत की सुराही से नशीली नज़ाकत बरसने लगती है और लब पर लब के स्पर्श से शाश्वत सुख की चरम छंटती है।

दोस्तों की गालियों में एक अपनत्व का स्पर्श छिपा होता है। जब एक दोस्त दूसरे को कहता है, कमीना बस इतनी सी बात अरे डरता क्यूँ है हम है ना, तब दूसरे दोस्त के चेहरे पर गुरुर छा जाता है। दोस्ती से बड़ा कोई रिश्ता नहीं।

भारतीय संस्कृति में चरणस्पर्श सम्मान और आदर प्रकट करने का सर्वकालिक और सर्वमान्य तरीका है। यह हृदय के सम्मान और श्रद्धा को बखूबी जाहिर कर देता है। थोड़ा झुक कर चरण स्पर्श करने से बड़े बुज़ुर्गो के अमूल्य आशिर्वाद पा सकते है ।

कुछ ज़हरीली और कंटीली अनमनी सी कातिल छुअन बरसती है जब अधम इंसान के हाथों से, तब तार-तार एक मासूम होती है। दबोचता है कोई अपना ही जब प्यार जताते हवस की आग आँखों में भरे, तब किसी बालिका का तन शोलों सा जल जाता है। जी हाँ कभी-कभी घर में भी इसी तरह की बैड टच का शिकार होती है बेटियाँ। प्यार जताने के सलीके से बच्चियों को वाकिफ़  करना बहुत जरूरी होता है।

बहन के माथे को छूता है जब भाई के लब का सुहाना स्पर्श तब कायनात भी झूम उठती है। अपनी बहन को परवाह की परवाज़ में लेते आशीष की बारिश करते भाई रक्षा का वचन देता है। और दुनिया का सबसे सुंदर स्पर्श जब पत्नि की हथेलियों पर अपना मजबूत हाथ रखकर पति आँखों के इशारे से कहता है “मैं हूँ ना” उस स्पर्श से अहम स्पर्श एक स्त्री के लिए और कोई नहीं होता। अपना पूरा अस्तित्व उस स्पर्श के हाथों सौंप कर निश्चिंत सी पूरी ज़िंदगी बिता देती है।

पर हाँ हर स्पर्श सहज और सही नहीं होता ये अपनी दस बारह साल की बच्चियों को समझाने का वक्त आ गया है। नारियों संकोच को त्यागकर बेटी को पास बिठाकर हर छुअन का ज्ञान दो। बहुत सी विपदाओं का सामना करने में सक्षम बनाओ। समझाओ सही स्पर्श की परिभाषा और बेटी को रक्ष लो।

— भावना ठाकर ‘भावु’

*भावना ठाकर

बेंगलोर