कविता

पुरुष

पुरूष, संस्कृति का दर्पण है

पुरूष आत्मविश्वास का प्रतिनिधि है

पुरूष कर्मठता का प्रतीक है

पुरूष संघर्षशीलता का चित्रण है

पुरूष आर्थिक परिस्थिति से जूझता यौद्धा है

पुरूष  श्रीराम जैसा एक आदर्श है

पुरूष श्रीकृष्ण जैसा सर्व क्लेश नाश करने वाला है

पुरूष नव जीवन को अंकुरित करने वाला है

— अमित डोगरा

अमित डोगरा

पी एच.डी (शोधार्थी), गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर। M-9878266885 Email- [email protected]