पहले से और बिखराया
कितनी हसरत से जिंदगानी नाम दे हमनें तुझे चाहा था
आज उन्हीं गलियों में, तेरा नाम ले हमने तुझे पुकारा था।।
तुम ने भी तो कहा था बेइंतहा मोहब्बत करते हो हमसे।
बेइंतहा मोहब्बत तेरी देख, मोहब्बत मे तेरी दिल हारा था
हमें लगा हमसे ताउम्र रिश्ता तुमम वफ़ा संग निभाओगे
तुम ओरों की तरह मन बहलाए, हमें यही बताना था।।
टूटी थी मैं तो, तुमने ही मुझे आसरा देकर था जोड़ा
हमें जोड़ एहसान जताया तुमने, एहसास तुम्हें कराना था।।
मेरी वफ़ा के किस्से कभी कितने गुनगुनाते थे तुम अकसर
बेवफ़ाई कर, मेरी ही वफ़ा पर तोहमतें लगाई ये दिखाना था।।
छोड़ना ही था तो वीणा से ही दिल, क्यों लगाया तुमने कहो
बिखरे पड़े थे मेरे टुकड़े तुमने समेट आज ओर भी बिखराया था।।
— वीना आडवाणी तन्वी