गीत/नवगीत

ज़माना पहले ब्लैक एन व्हाइट था

ज़माना पहले ब्लैक एन व्हाइट था,

लव एट फर्स्ट साइट था ।

नजरे  उठने-झुकने में शराफत थी,

नूर सादगी संग ब्राइट था ।

ज़माना पहले ब्लैक एन व्हाइट था…

जमीं  से जुड़े रहकर भी 

आसमा औ चाँद की हाईट थी, 

सख्ती में दुआ औ स्नेह था, 

फालतू खर्च में हाथ टाइट था ।

ज़माना पहले ब्लैक एन व्हाइट था….

घर का खाना ही भाता था,

 हर कोई रहता आता- जाता था, 

पैसे कम संयुक्त परिवार था,

ज्यादा काम खाना हैल्थी डाइट था ।

ज़माना पहले ब्लैक एन व्हाइट था….

एक चारपाई पर बैठ पड़ोस के,

सुलझ जाते थे सारे उलझे किस्से,

 हर छोटे को बड़े का लिहाज था,

पड़ोसी मदद को हाजिर डे-नाइट था ।

ज़माना पहले ब्लैक एन व्हाइट था….

हल्की‐फुल्की जिंदगी सादगी भरी थी,

मेहमानों का आना खुशी की घड़ी थी,

खट्टी थोड़ी खुशियाँ मीठी थोड़ी फाइट थी,

लाइट सोच रख जीवन भी लाइट था। 

ज़माना पहले ब्लैक एन व्हाइट था….

— भावना अरोड़ा ‘मिलन’

भावना अरोड़ा ‘मिलन’

अध्यापिका,लेखिका एवं विचारक निवास- कालकाजी, नई दिल्ली प्रकाशन - * १७ साँझा संग्रह (विविध समाज सुधारक विषय ) * १ एकल पुस्तक काव्य संग्रह ( रोशनी ) २ लघुकथा संग्रह (प्रकाशनाधीन ) भारत के दिल्ली, एम॰पी,॰ उ॰प्र०,पश्चिम बंगाल, आदि कई राज्यों से समाचार पत्रों एवं मेगजिन में समसामयिक लेखों का प्रकाशन जारी ।