मुक्तक
भाव शब्दों में अपने पिरोती हूँ मैं
जख्म अश्कों के पानी से धोती हूँ मैं
मात मधु की सुता नाम मधुजा मेरा
काव्य रस में सभी को डुबोती हूँ मैं।
— नीतू शर्मा मधुजा
भाव शब्दों में अपने पिरोती हूँ मैं
जख्म अश्कों के पानी से धोती हूँ मैं
मात मधु की सुता नाम मधुजा मेरा
काव्य रस में सभी को डुबोती हूँ मैं।
— नीतू शर्मा मधुजा