डायरी लेखन – 26 जुलाई 2023
लोगों की दोहरी मानसिकता पर बहुत गुस्सा आ रहा है। ऐसा लगता है जैसे दिमाग़ फट जायेगा। फेसबुक, ट्विटर हर जगह मणिपुर घटना का ज़िक्र है, घटना निंदनीय है, मन आहत है … पर एक बात समझ से परे है कि लोगों का मन सिर्फ और सिर्फ मणिपुर पर ही आहत क्यों है । इसी प्रकार की घटना हालफिलहाल में राजस्थान में भी हुई है और बंगाल में भी… पर न जाने क्यों हम सब लोगों को भी धृतराष्ट्र की तरह कुछ ख़ास घटनाएं ही दिखती हैं या बाकी जगह की लड़कियां और महिलाएं इसी काबिल हैं, हम यही मान कर चलते हैं।
अभी अभी बेंगलोर के उडुपी में एक प्राइवेट कॉलेज से हैरान से ज्यादा शर्मिंदा कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां 3 लड़कियों ने बाथरूम के अंदर मोबाइल कैमरा लगाया था और लड़कियों के नहाते हुए वीडियो बना कर अपने साथियों को भेजे थे। लड़की होकर भी ऐसे कृत्य करते हुए उन्हें ज़रा सी शर्म हया नहीं आई। उनको क्या बोलें .. मणिपुर पर हजारों वीडियो/ रचनाएं/ लेख मिल जायेंगे, पर किसी को भी इस घटना की निंदा करने की सुध भी नहीं… क्यों?
दिमाग़ फट रहा है लोगों की दोगली मानसिकता देख कर। आजकल लगता है धर्म देखकर लोगों का ज़मीर सोता या जागता है।
चलो डायरी, दूसरों की तरह मैं भी सो जाती हूं या फिर मणिपुर की घटना पर दो चार रचनाएं लिख कर अपना कवि धर्म निभाती हूं। सच में, कई बार डायरी लिखना भी बेहद कष्टदायक हो जाता है।
— अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’