आज का महाभारत 02
एक वृद्ध महोदय
जोर-जोर से इस युग को
सबसे बुरा युग बताते
अपने जमाने की
ढोल बजाए जा रहे थे।
रामायण और महाभारत के पात्रों का
आदर्श बखानते
आज के चरित्र संकट पर
क्षोभ जाहिर करते
छी:-छी:, थू-थू कर रहे थे।
तभी वहां एक युवा आया।
वृद्ध की बातें सुन कर
उसका दिमाग चकराया.
युवा बोला,
“ऐ बाबा !
आप क्यूँ हमारे युग पर
आंसू बहाते हुए
अपने जमाने की गुण गाए जा रहे हैं ?
महाभारत तो
आज भी चल रहा है
संसद के घेरे में
पहले यह लड़ाई
खुले मैदान में लड़ी गई थी।
और आज
सदन की कार्यवाही,
खत्म होने के बाद,
डिनर टेबल पर,
सभी दलों की नेताओं की
मौजूदगी में लड़ी जाती है
जहाँ यह फर्क कर पाना
बहुत मुश्किल है
कि
इसमें कौन अर्जुन
और कौन दुर्योधन है ?”
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़