अहिल्या
आज देवराज इंद्र के छल-प्रपंच से आहत ऋषिभार्या पतिव्रता अहिल्या दुखी तो हुई, पर विचलित नहीं ; और न हीं डरी। पूरा माजरा उसे समझ आ गया। अपने पति गौतम ऋषि के शाप का प्रभाव पड़ने से पहले वह इंद्र पर टूट पड़ी। ऋषिवर गौतम भौचक्के रह गये। तभी देवगण नीलगगन से पुष्पवर्षा करने लगे।
सारे पुष्प सती अहिल्या पर ही बरस रहे थे। वे कह रहे थे कि आज अहिल्या की यह पहल अन्य अहिल्याओं के लिए नितांत आवश्यक है।
— टीकेश्वर सिन्हा “गब्दीवाला”