जनता और नेता
जनता,
ताश के पत्ते में पड़ा
गुलाम है।
जिसका मतदान के अतिरिक्त
कोई कार्य नहीं हैं,
जब तक कि
ताश के
सारे पत्ते मौज़ूद हों।
नेता,
जुआरी के तरह
दिखने वाला
खिलाड़ी है,
जो चुनाव में
गुलाम को बादशाह बनाकर
खेलता है
और जीत जाता है।