गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

ख़ज़ाने की हमें दौलत भले सारी दिखा देगा
अगर हक़ माँग लें तुझसे तो लाचारी दिखा देगा

छुपाकर तू हमेशा ही रखेगा ख़ुद की बेशर्मी
ज़माने को मगर हर रोज़ ख़ुद्दारी दिखा देगा

तेरा कोई बहाना जब नहीं चल पाएगा तो फिर
तेरा क्या है, तू माँ की फिर से बीमारी दिखा देगा

कहीं भी घूमने का मन अगर तेरा कभी होगा
तू अफ़सर है, वहाँ तू काम सरकारी दिखा देगा

अगर ये लोग पूछेंगे कि हिम्मत है कहाँ तेरी 
तू लड़ने की उन्हें हर बार तैयारी दिखा देगा

जो उसका काम है करना है उसको वो करेगा जब
तू उसका ख़ुद को विज्ञापन में आभारी दिखा देगा

तेरे इन आँकड़ों में है जो खुशहाली वो झूठी है 
कहूंगा मैं तो क्या तू भूख-बेकारी दिखा देगा  

— डॉ. राकेश जोशी

डॉ. राकेश जोशी

जन्म: 9 सितंबर, सन् 1970 शिक्षा: अंग्रेजी साहित्य में एम.ए., एम.फ़िल., डी.फ़िल. प्रकाशित कृतियां: "कुछ बातें कविताओं में" (काव्य-पुस्तिका)", पत्थरों के शहर में" (ग़ज़ल-संग्रह), "वो अभी हारा नहीं है" (ग़ज़ल-संग्रह)। संप्रति: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डोईवाला, देहरादून, उत्तराखंड में अंग्रेज़ी विभाग में प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष। सम्पर्क का पता: डॉ. राकेश जोशी प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष अंग्रेज़ी विभाग राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डोईवाला देहरादून, उत्तराखंड मोबाइल: 9411154939 ई-मेल: [email protected]