कविता

प्यारा हिन्दुस्तान

आजादी मिले समय हुआ,

फिर भी भारत न आज़ाद हुआ,

माँ भारती  आज भी गुलाम है, 

ना माँ बहनो का सम्मान हुआ,

मेरे प्यारे देश में हम आज भी  गुलाम है, 

न रोटी है न कपडा है और न ही है मकान,

खून खराबा चोरी लूट,

इसमें है हम नंबर एक,

जाति धर्म पर लड़ना आया,

पर जाति धर्म किसने बनाया,

वीर जवानों का  अपमान होता है, 

मिट जायेंगे देश पर ये होते है जवान,

प्यारा देश हमारा है,

इसकी शान बढ़ाना है,

दुनिया को सही राह दिखाना है,

हिंदुस्तान को फिर से सोने की खान बनाना है,

देश हमारा प्यारा प्यारा,

हमें  सब बुराई से आज़ाद कराना है,

माँ भारती के कदमो में,

आज़ादी की मशाल जलाना है,

भय भूख भ्रष्टाचार  से,

अपने प्यारे देश को आज़ाद कराना है,

काम कठिन है लम्बी डगर है,

माँ के सम्मान को फिर से बचाना है।।

— गरिमा लखनवी

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384