बाल गीतिका
मुर्गी अंडा देती रोज,
मुर्गा बाँग लगाता क्यों?
मोर शुभंकर पक्षी है,
किसको नाच रिझाता क्यों?
साँप रेंग कर चलता है,
पाँव न कभी दिखाता क्यों?
स्तनधारी चमगादड़,
खँडहर में दिख पाता क्यों?
वास्तुकार है बया बड़ा,
सुंदर नीड़ बनाता क्यों ?
गौरैया घर का पंछी,
चूँ – चूँ कलरव गाता क्यों?
बंदर नटखट क्रोध भरा,
खंभा थाम हिलाता क्यों ?
लंबी पूँछ धरे लंगूर,
कपि को डर दिखलाता क्यों?
कोयल गाए कुहू – कुहू,
काग काँव कुर्राता क्यों?
‘शुभम्’ प्रकृति सबकी अपनी,
उलट रूप दिखलाता क्यों?
कूकर पूँछ हिलाता क्यों ?
टाँग उठा उतराता क्यों??
— डॉ. भगवत स्वरूप ‘शुभम्’