कलम का मतलब
कविता समय का अर्पण है
साहित्य समय का दर्पण है
हर मुद्दे पर बात करें जो
और समय के साथ चले जो
वहीं सामाजिक प्राणी है
मरहम जिसकी वाणी है
आप लिखें कौतूहल या फिर
आप लिखें कलम को अचरज
मैं लिखूंगा कलम का मतलब
खून;पसीना;स्याही;कागज
कौन अगड़ा कौन पिछड़ा
दुनियादारी झंझट झगड़ा
सब पर पैनी नजर बनाए
अर्थ समय का हमें बताए
गीत-गान का सरगम है
साहित्य समय का संगम है
आप लिखें कौतूहल या फिर
आप लिखें कलम को अचरज
मैं लिखूंगा कलम का मतलब
खून;पसीना;स्याही;कागज
गद्य; काव्य; व्याकरण-उत्कर्ष
व्याख्या; टीका; शोध-विमर्श
समाज; संस्कृति; अनुशासन
दृष्टि; नजरिया; जरिया; दर्शन,
अनुसंधान,कल्पना,अक्षत है
साहित्य समय का दस्तख़त है
आप लिखें कौतूहल या फिर
आप लिखें कलम को अचरज
मैं लिखूंगा कलम का मतलब
खून;पसीना;स्याही;कागज
अगणित विशुद्ध अनोखा
हर घड़ी का लेखा-जोखा
कलमबद्ध करके देखा हूं
समयबद्ध करके देखा हूं
समय-चक्र का रहपट है
साहित्य समय का आहट है
आप लिखें कौतूहल या फिर
आप लिखें कलम को अचरज
मैं लिखूंगा कलम का मतलब
खून;पसीना;स्याही;कागज
महत्व क्या है वह क्या समझे
निःशुल्क-मुफ्त रेवड़ी बांटे जो
वही समझ सकता है कीमत
तिल-तिल घड़ी-घड़ी काटे जो
समय-समय का मुआइना है
साहित्य समय का आइना है
आप लिखें कौतूहल या फिर
आप लिखें कलम को अचरज
मैं लिखूंगा कलम का मतलब
खून;पसीना;स्याही;कागज
— नरेन्द्र सोनकर ‘कुमार सोनकरन’