वाह रे विपक्ष
हमारे देश के विपक्षी नेताओं को
क्या होता जा रहा है?
बाहर चिल्ला रहे हैं
कि सरकार चर्चा नहीं करा रही है,
विपक्ष की आवाज दबा रही है
समस्याओं से भाग रही है।
पर देश देख रहा है
कि सच में क्या हो रहा है?
विपक्ष संसद तक चलने नहीं दे रहा है
चर्चा से लगातार भाग रहा है,
सिर्फ आरोप लगाकर अपना उल्लू सीधा करने की
जनता का हितैषी दिखाने का नाटक कर रहा है।
बस घमंड में चूर या शायद मगरुरियत में
सदन में सिर्फ हो हल्ला कर
वाक् आउट कर रहा है
मगर एकता दिखाने की आड़ में
सब साथ आ चर्चा कर रहे
निहित स्वार्थ की नजीर बना रहे।
जब हार गया,
तब अमोघ अस्त्र निकाल लिया,
सब कुछ जानते हुए भी अपना बेड़ा गर्क कर लिया।
अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में विपक्षियों ने
जब सिर्फ मणिपुर का रोना रोया,
तब सत्तापक्ष के नेताओं ने दिन में तारे दिखा दिया।
विपक्ष के अपशब्दों का तीखा प्रतिकार किया।
पर विडंबना देखिए
कि जिस मोदी सरकार के खिलाफ
अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये थे
उसी मोदी के जवाब का ताप न सह पाये।
बीच में ही संसद छोड़कर भाग गए,
अपने ही लाए अविश्वास प्रस्ताव को
अधर में ही छोड़ गए,
खुद पर ही अविश्वास कर गए
ये कितने गंभीर हैं ये सबको बता गए,
अपने भविष्य की राह में कांटे बिछा गए।
हाय ये! विपक्षियों ये क्या कर गये?
अपनी फजीहत करा कर
कौन सा भारत रत्न पा गए।