कविता

रक्षाबंधन

रिमझिम सावन की है फुहार ,
रक्षाबंधन की है पावन त्यौहार ।

सज-धज कर अब भाई बैठे है तैयार ,
बहना बंधेगे राखी और मिलेगे उपहार ।।

प्रेम -प्यार स्नेह संग खुशियां मिले अपार,
रक्षाबंधन अटूट विश्वास आशीष और दुलार।।

कच्चे धागे बांध प्रीत की है संचार ,
पावन सा है राखी का त्यौहार ।।

जिनकी नही है बहना वो दुखी है अपार,
सावन की झड़ी और भाई- बहन का प्यार ।।

राधा की उम्मीद और कान्हा का प्यार ,
मुबारक हो आप सभी को रक्षाबंधन का त्यौहार ।।

— डोमेन्द्र नेताम (डोमू)

डोमेन्द्र नेताम (डोमू )

मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा जिला-बालोद (छ.ग.) मो.9669360301