बाकी सब ठीक है
लल्लू भैया को अपने शहर के नेता जी को सुनने का अवसर मिला । शहर के बड़े से डिग्री कॉलेज में नेताजी की चुनावी रैली थी। जिस नेताजी को पिछली बार अपने अमूल्य वोटो के द्वारा जिताया उनको करीब से देखने सुनने का एक बार फिर मौका मिलना यह कोई छोटी-मोटी उपलब्धि थोड़ी ना थी। भगवान की भक्ति कीजिए तो भगवान मिल सकते हैं । पर चुनाव जीतने के बाद नेताजी से लाख प्रार्थना करिए प्रार्थना पत्र भेजिए पर नेताजी नहीं मिल पाते हैं । क्योंकि वह जनता का भला करने में इतने व्यस्त हो जाते हैं की जनता के लिए ही उपलब्ध नहीं रहते ।अतः उनका मिलना उनको देखना सुनना देवीय चमत्कार से कुछ काम नहीं है। जनम जो अकारथ जा रहा था वह अचानक से सफल हो जाता है ।
नेताजी मंच पर पधार चुके थे । फूल मालाओं से लदे हुए फदे हुए। लल्लू भैया तो सोच रहे थे कि वह उनके अकेले भक्त एवं मोह माया में बंधे हुए कार्यकर्ता है । लेकिन जब हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ देखी तो खुद के तुच्छ होने का उन्हें भयंकर एहसास हुआ। पिछले चुनाव में जी भर कर नेता जी के लिए लल्लू भैया रात दिन गला फाड़- फाड़ कर चिल्लाते रहे। जिसके वजह से आठ दिन तक उनका गला फटे बांसुरी के जैसे बजता रहा था ।और उन्हें गर्म पानी से गलाला करना पड़ा था । फिर भी लल्लू भैया को कोई अफसोस नहीं था । लल्लू भैया नेताजी के नेक वचनों से बहुत प्रभावित थे । उन्हें विश्वास था कि नेताजी उनके शहर को लंदन और सिंगापुर जैसा चमका देंगे। उनके शहर की दशा और दिशा बदल जाएगी।नेता जी ने ऐसा ही भरोसा दिया था । भरोसे पर ही दुनिया कायम है उनपर भरोसा अटूट था ।
लेकिन चुनाव जीतने के बाद से नेताजी उन्हें आज दिखाई दे रहे थे। लल्लू भैया ने सोचा हजार कम होने की वजह से भला कहां सबसे नेताजी मिल पाएंगे और समय दे पाएंगे। लेकिन शहर की समस्या तो फिर से याद दिलानी ही थी।अतः वह भी मैदान में मिलने चले आए थे । उधर नेताजी ने मंच पर से बोलना शुरू किया –” भाइयों बहनों माताओ आपका सादर अभिवादन एवं चरण स्पर्श मैंने पिछले चुनाव में जितने भी वादे किए थे, सब पूरे किए इस बार भी आप हमें ही वोट देना बाकी सब ठीक है “
तभी लल्लू भैया बीच में बोल पड़े -” नेताजी कहां पर कार्य पूरा हुआ नाली नहीं बनने से पानी सड़क पर ही अभी भी बह रहा है, बाकी सब ठीक है, गंदगी होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया और पूरे शहर में डेंगू फैल चुका है बाकी सब ठीक है, चार-चार दिन बिजली गायब रहने से जनता की दुर्गति होती है बाकी सब ठीक है, अतिक्रमण से सड़क पर चलना मुश्किल हो चुका है बाकी सब ठीक है,
तभी नेता जी के कार्यकर्ताओं ने लल्लू भैया को पकड़कर तबीयत से धो डाला । खूब धुलाई करी खूब पिटाई करी। पिछली बार नेता जी के कारण गला बैठा था ।इस बार नेताजी के कारण वह बैठ (बीमार )आठ दिन के लिए । बाकी सब ठीक है।
रेखा शाह आरबी