आजकल हर इंसान अपने जीवन में जिस प्रकार भागा दौड़ी कर रहा है और भाग रहा है अपने लक्ष्य और अपने गंतव्य की ओर.. सबसे ज्यादा नुकसान उसके उन रिश्तो को ही हो रहा है जिनके लिए वह यह भागा दौड़ी और अथक परिश्रम कर रहा है। उसने इस अंधाधुंध सफर का चुनाव जिनके लिए […]
Author: रेखा शाह आरबी
बलिया (यूपी )
पूरक है एक दूजे के
हम और तुम दोनों सदा पूरक है एक दूजे के, कभी तुम सहारा बनते कभी मै प्रेम बन मुस्काती, है दूरी मीलो कि हममें पर एहसासों में शुन्य पाती, कभी यादों में पास होते कभी होठों पर मुस्काते, कभी सुनहरी धूप बनकर शरद की गुनगुनाहट बनते, कभी मै ताप सोख कर पुरवा बयार बन आती, […]
आम आदमी की नरक यात्रा
एक आम आदमी था जीवन भर मजबूरी और मजदूरी में जीने वाला ,उसके लिए सुख और दुख दोनों ही समान थे, वह कम दुख को ही सुख समझता ,क्योंकि वह आम आदमी था, उसने जीवन के सुख-दुख को एक समान समझने का संतुलन साध लिया था, उसके पास इसके अलावा कोई चारा नहीं था, एक […]