लम्बी कहानी – ‘रखैली’ भाग – 3
ये फैमनिस्ट जो किसी सतायी गई औरत के लिए बाबुलंद आवाज़ उठाती है उनके लिए सोशल साईट पर तमाम क्रन्तिकारी पोस्ट लिखती है, वही फैमनिस्ट जब अपने शौहर के हाथो प्रताड़ित होती है तो बहुत तरीकों से अपने चेहरे और शरीर के निशान छुपाने की कोशिश करती हैं।
सारिका भी फैमनिस्ट थी।
सज्जाद उसका अंतरधर्मिक पुरुष साथी था जिसने कई महफ़िलों में सारिका का परिचय अपनी होने वाली बेगम कह कर करवाया था। सारिका सज्जाद को पसंद करती थी इसलिए बंद कमरे में, तन्हाई में उसके लिए समर्पण का भाव रखती थी और जो कुछ उसके समर्पण में सज्जाद को कमी दिखाई दी वो उसने कुछ अवसरों पर सारिका को थोड़ा डॉमिनेंट करके उसे अपने प्रति पूर्ण समर्पिता बना लिया।
सारिका पहले से ही सवर्णो, हिन्दू धर्म के बारे में औल – फौल लिखती रहती थी। सज्जाद की सहेली बनने के बाद उसने अपने इन विचारो की आग और बढ़ा दी। सज्जाद से प्रेरणा लेकर अब वो कभी – कभार अपने देश की नीतियों की आलोचना और पाकिस्तान की बड़ाई करने लगी। उसे ये देखकर ख़ुशी हुई कि सज्जाद उसके इन लेखो और विचारों से खुश होता है।
सज्जाद ने सारिका के साथ भारत से बाहर नेपाल, बांग्लादेश चीन आदि का दौरा किया। उन दोनों ने वहां अपने विचारो से भारत और हिन्दू धर्म को नीचा दिखने की भरसक कोशिश की।
सारिका के इन कृत्यों का विरोध कुछ राष्ट्रवादियों ने किया तो सारिका ने एक बार एक अन्य पत्रकार को सवाल का जवाब देते हुए कहा ‘उसे अब भारत की सहिषुणता पर भरोसा नहीं रहा है। इन्फेक्ट अब उसे भारत में सेफ नहीं लगता है।’
सज्जाद ने सोशल साईट पर राष्ट्रवादियों के नाम से कुछ फेक आईडी बनाई और उन पर सारिका के लिए ढेरो अपशब्द लिखे। गलियां दी और उसे देश विरोधी और पाकिस्तानपरस्त बताया।
सारिका ने इन फेंक आईडी को रियल मानकर अपने लिए दी गई गालियों का मुखरता से विरोध करते हुए उन राष्ट्रवादियों को गाली देने लगी। सज्जाद सारिका को बांहो में लेकर पहले अपने प्यार में डुबोता और फिर उसे और ज्यादा मुखर होने को कहता। सारिका उसके सीने में मुंह छुपाती तो तो कहता वह उसके फुल सपोर्ट में है।
और यूँ एक बार सारिका ने सिंगापूर में एक वक्तव्य देते हुए भारत माँ को डायन कह दिया।
उसका ये विचार जब भारत के नागरिकों ने सुना तो विरोधस्वरूप सारिका के चित्र और पुतले जलाये। गर्म हुए माहौल को और ज्यादा गर्म करते हुए सज्जाद ने फेक आईडी से सारिका का सरेआम बलात्कार करने की घोषणा की। एक दूसरी आईडी से सारिका को सर काटने वाले को 51 लाख का पुरूस्कार देने की बात कही। सारिका ने सब देखा, पढ़ा। उसे दुःख हुआ। गुस्सा आया।
सज्जाद के सीने पर सर टिकाकर नम आँखो से उसने कहा ‘सज्जाद जी ये मेरे देश के लोग है जो विचार रखने पर जान लेने की बात कर रहे है। सरेआम बलात्कार करने की धमकी दे रहे हैं।’
कह कर सारिका सज्जाद के सीने में मुंह छुपाते हुए बिलख – बिलख कर रो पड़ी।
सज्जाद कुछ देर उसका सर और बाल सहलाता रहा फिर उसे अपने सीने में भींचते हुए बोला ‘सारिका तुम्ही तो कहती थी कि तुम्हारे लिए सरहदे कुछ मायने नहीं रखती। फिर आज जमीन एक टुकड़े के कुछ लोग जो तुम्हारे बारे में गन्दी बातें कर रहे हैं तुम्हारी तौहीन कर रहे हैं तो तुम भी उन्हें इग्नोर करो। जमीं एक टुकड़े के लोग भले ही तुम्हारे दुश्मन हो पर दूसरे टुकड़े के लोग तुम्हे मुहब्बत करते हैं।’
सज्जाद की बात सुनकर सारिका ने सर उठाकर उसे देखा तो सज्जाद उसके गाल अपने हाथो में भरते हुए बोला ‘हाँ सारिका तुम हमारे साथ पाकिस्तान चलो। हम वहां तुम्हारे कदमो में चाँद तारें बिछा देंगे। वहां की अवाम तुम्हारे विचारो और तकरीरों को सर आँखों पर बिठाएगी। और जानती हो सारिका।’ सज्जाद उसके माथे पर एक बोसा लेते हुए बोला ‘सबसे ज्यादा बेसब्री से तुम्हारा इन्तजार कौन कर रहा है वहां ?’
‘कौन ?’ सारिका ने सिसकते हुए पूछा।
‘मेरी हवेली।’ सज्जाद की बात सुनकर सारिका उसकी बांहो में अवश होकर बिखर गई और सज्जाद उसकी रोमहीन जाँघे सहलाते हुए उस पर छाता चला गया।
क्रमश:
–सुधीर मौर्य