ऋचा
सन्दर्भों से सार गर्भित
छन्दों की अधिष्ठात्री।
मुख मंडल से निकली
वेदों की सिद्धिदात्री।।
ऋषियों की परम्परा
भागवत की सारणी।
कृष्ण प्रिय गोपियां
बांसुरी धुन तारणी।।
हृदय पुष्पों से पुलकित
ऋग्वेद की अद्भुत ऋचाएं।
भेद भाव से परे मानस
सद्भावना से भरी संहिताएं।।
— सन्तोषी किमोठी वशिष्ठ