गज़ल
जब भी निकलों घर से यही अभियान लेकर
खुशनुभा हो वातावरण ये बयान लेकर
करें नहीं दुश्मन हमला कभी भी आप पर
साथ में सदा ही चले तीर कमान लेकर
हो जावे खुश जो आपसे है रूठा हुआ
मिलो जब भी उससे नई मुस्कान लेकर
पड़ौसी हो इसीलिए शांति से रहा करो
हर बात में न झगड़े आप दालान लेकर
देश सेवा से बढ़कर न कोई धरम होता
कर इसकी सेवा हथेली पर जान लेकर
आज का दिन भी अच्छा सा बिते अब रमेश
मन में रखकर चले ये ही अरमान लेकर
— रमेश मनोहरा