मुक्तक/दोहा

मुक्तक

असत्य पर सत्य की विजय श्री राम हैं, 

अहंकार पर विनम्रता प्रतीक श्री राम हैं। 

मर्यादाओं का पालन करना जिसने सीखा, 

मर्यादा पुरुषोत्तम दशरथ नन्दन श्री राम हैं। 

रावण का भी सम्मान किया हो, जिसने जग में, 

लक्ष्मण को भेजा सम्मुख, शिक्षा ग्रहण करने। 

विद्वता का सम्मान, शिव स्थापना भी करवाई, 

राम राज्य कल्पना साकार हो, धरा पर आयी। 

रावण प्रतीक बुराई का था, राम ने जिसको मारा, 

अहंकार उसको भारी था, राम ने अहंकार को मारा। 

जाति धर्म क्षेत्रवाद, दहेज अशिक्षा राक्षस आज के, 

नये दौर में तुम ही राम हो, तुमने किस किसको मारा? 

— अ कीर्ति वर्द्धन