कविता

मन

मन की शक्ति असीम है,
जिसने इसे पहचान लिया,
बढ़ जाता है उसका मनोबल,
पराजय को जीत बना लिया।
निर्भय और सफल बना देता मन,
रोगों-अभावों से बचा लेता मन,
मन को वश में नहीं किया तो,
सर्वनाश करवा देता मन।
संयम-सत्य-सरलता से मन,
सबको अपना बना देता है,
वरना रिश्तों में खटास से,
अपनों को ग़ैर बना देता है।

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244