जिंदगी
जिंदगी की राह पर ,इंसानों को बदलते देखा है|
कुछ किस्मत में होते, कुछ जुड़ते चले जाते है||
जो देते सदैव साथ,बुरे वक्त में साथ छोड़ते देखा है|
कहीं भरोसा टूटा बदलतें,रिश्तें के सब रंग देख लिए है||
आज अभिमान करने वालों को, नीचे सर झुकाए देखा है|
सफलता जिसे भी मिल जाती, उसे गुरूर करते देखा है||
आज बदलते रिश्तों में जलन, क्रोध अहं आ गया|
अपनापन तो नहीँ रिश्तों में, दिखावा आ गया|
वक्त के साथ लोंगो के, व्यवहार बदलते देखा है|
तारीफ करते है सामने ,पीछे बुराई करते देखा है[….]
— पूनम गुप्ता