मुक्तक/दोहा

धीरज

मन से कभी न हारना ,धीरज रखना मीत,
अपने सतत प्रयास से ,पाओगे तुम जीत।

हर सपना इकदम नहीं;हो जाता साकार,
उसके खातिर कर जतन,थोड़ा धीरज धार।

जब जागो तब ही सुबह ,सोचो ये हर बार ,
कर्म करो तुम अनवरत ,लेकर धीरज यार।

हो जाए गर जिंदगी ,ज्यादा ही मायूस ,
मन में धीरज धार के ,करना सुख महसूस।

उलझी थी ये जिंदगी ,प्रियवर चारों ओर ,
पर धीरज से मीत जी ,सुलझी सारी डोर।

— महेंद्र कुमार वर्मा

महेंद्र कुमार वर्मा

द्वारा जतिन वर्मा E 1---1103 रोहन अभिलाषा लोहेगांव ,वाघोली रोड ,वाघोली वाघेश्वरी मंदिर के पास पुणे [महाराष्ट्र] पिन --412207 मोबाइल नंबर --9893836328