धीरज
मन से कभी न हारना ,धीरज रखना मीत,
अपने सतत प्रयास से ,पाओगे तुम जीत।
हर सपना इकदम नहीं;हो जाता साकार,
उसके खातिर कर जतन,थोड़ा धीरज धार।
जब जागो तब ही सुबह ,सोचो ये हर बार ,
कर्म करो तुम अनवरत ,लेकर धीरज यार।
हो जाए गर जिंदगी ,ज्यादा ही मायूस ,
मन में धीरज धार के ,करना सुख महसूस।
उलझी थी ये जिंदगी ,प्रियवर चारों ओर ,
पर धीरज से मीत जी ,सुलझी सारी डोर।
— महेंद्र कुमार वर्मा