अस्पताल पर हमला क्यों?
घात करो प्रतिघात करो तुम
खुलकर शह और मात करो
मानवता का खुला प्रश्न बस
अस्पताल पर हमला क्यों?
हार रहे हैं जूझ रहे हैं
लड़ते हैं जो हालातो से
इनका जीवन बंधा हुआ है
क्रूर नियति की घातो से
जिसमें उगने कई फूल थे
तोड़ दिया वह गमला क्यों
मानवता का खुला प्रश्न बस
अस्पताल पर हमला क्यों
दो देशों के बीच लड़ाई
क्यों दुनिया की शामत आई
शहर के बच्चे मायूसी में
कहां खेलने जायेंगे भाई
मजहब की है खुली लड़ाई
हाजिर पूरा अमला क्यों
मानवता का खुला प्रश्न है
अस्पताल पर हमला क्यों
— डॉक्टर इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव