मतदान सुस्त है
जो भी सत्ता में आएगा अपने करतब दिलाएगा
जाग रहे हैं अब मतदाता इसीलिए मतदान सुस्त है
लुटा रहे हैं जमकर पैसा अधिक वोट पाने की खातिर
लेकिन जनता समझ गई है इसीलिए अभियान सुस्त है
कोई नियम तो बनना चाहिए जागना चाहिए सोया वोटर
लगता सोया देश है पूरा नेता का अभिमान चुस्त है
कहीं नोट है कहीं वोट है सत्ता की नजरों में खोट है
जीतना सबको ही चुनाव है परिवारवाद की लगी पुस्त है
— डॉक्टर इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव