कविता

प्रणाम बारम्बार 

नमस्कार प्रभु श्री राम 

प्रणाम बारम्बार 

श्रद्धा रूपी भेंट हमारी 

स्वीकार करो ।

जीवन हमारा मंगलमय करो ।।

प्रभु तुम कण-कण में 

तुम में सारा जग समाया 

सब तुम्हारी ही माया ।

रक्षक- पोषक दाता तुम 

राजा-रंक सब के पालनहारी तुम 

परम कृपालु- परम दयालु 

करुणा के भंडार तुम ।

नमस्कार प्रभु श्री राम 

प्रणाम बारंबार 

डगमग करती नैया डोले 

नाथ किनारे तक पहुंचाओ 

तूफानों से हमें बचाओ ।

प्रभु शरण तुम्हारी 

श्रद्धा रूपी भेंट हमारी 

स्वीकार करो ।

जीवन हमारा मंगलमय करो ।।

— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111