लघुकथा

ऑनलाइन संदेश

देविका के सुपुत्र में कोई कमी नहीं थी. सुंदर, सुशील, ज्ञानवान, उच्च शिक्षित था उसका सलोना. सीखने-सिखाने का हुनर भी ऐसा कि सब देखते ही रह जाएं! उच्च शिक्षा के बावजूद भी जाने क्यों उसे नौकरी से वंचित होना पड़ रहा था! खाने-पीने की कमी नहीं थी. सीखने-सिखाने का हुनर भी ऑनलाइन क्लास के माध्यम से उसके काम आ रहा था. फिर भी स्थाई नौकरी की दरकार तो थी ही! देवी की पुजारिन देविका हर रोज देवी मां से उसकी नौकरी की गुहार भी करती थी. सलोना जगह-जगह अप्लाइ भी कर रहा था.
प्रभु जब देने पर आता है तो, छप्पर फाड़कर भी दे देता है. एक दिन एक ऑनलाइन संदेश ने सबको चौंका दिया! वर्क वीजा के साथ विदेश में अच्छी नौकरी, अच्छी पगार, तुरंत जॉइन करने के लिए टिकट भी तैयार!
सलोने को और क्या चाहिए था! हां करके तुरंत जाने की तैयारी में जुट गया!

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244