कविता

भारत देश   

तुम्हारे गर्भ से जन्में महान
सबने किए जग में कल्याण
तक्षशिला, नालन्दा सब
तुम्हारे ही पास
बुद्ध, महावीर, राम, रहीम
समाज सुधारक कबीरदास
एकता के सूत्रों में बँधा
जहाँ समस्त जन समाज हैं
अमृततुल्य नदियाँ बहती हैं
खूबसूरत संगम प्रयागराज है
काशी,मथुरा, वृंदावन, देवघर
कटरा,केदार नाथ पवित्र धाम हैं
असली सुगंध महकाने वाले
न जाने कितने गाँव हैं
घर में माता यही कहती है
भारत माता यहीं सजती है
सोलहों श्रृंगार करके
हरियाली परिधान में
विश्व में चर्चा होती है जिसकी
ज्ञान और विज्ञान में
फल-पुष्प ,सब्जियाँ, जड़ी बूटियों से
भरा पूरा परिवेश है
चंदन का खुशबू बहता है जहाँ
वह अपना भारत देश है ।।

— नेतलाल यादव

नेतलाल यादव

उत्क्रमित उच्च विद्यालय शहरपुरा, जमुआ,गिरिडीह, झारखंड, पिन कोड-815312 व्हाट्सएप-8294129071