मुक्तक
ना तो गूंगा है ना ही बहरा है ।।
देना सबको जवाब आता है ।।
डर से खामोश नहीं ये हर्गिज,,,
इसको रिश्ते की फ़िक्र ज्यादा है ।।
— समीर द्विवेदी नितान्त
ना तो गूंगा है ना ही बहरा है ।।
देना सबको जवाब आता है ।।
डर से खामोश नहीं ये हर्गिज,,,
इसको रिश्ते की फ़िक्र ज्यादा है ।।
— समीर द्विवेदी नितान्त