राजनीति

भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में यंग माइंड्स की प्रभावशाली भागीदारी ज़रूरी 

वैश्विक स्तरपर किसी भी राष्ट्र के निर्माण में युवा वर्ग एक अहम भूमिका निभाता है। युवा वर्ग शारीरिक और मानसिक रूप से किसी भी कार्य को कुशलता पूर्वक करने में सक्षम होता है। हर व्यक्ति जीवन के इस दौर से गुजरता है। युवाओं को उच्चस्तर की शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए और विभिन्न क्षेत्रो में अपना योगदान देना चाहिए।किसी भी राष्ट्र में कुल जनसंख्या का 20-30 जबकि भारत में विशेष रूप से 65 प्रतिशत हिस्सा युवा हैं। किसी भी राष्ट्र को विकसित राष्ट्र बनाने में युवा वर्ग का सर्वाधिक योगदान रहा है। राष्ट्र की प्रगति विज्ञान, प्रौद्योगिकी  स्वास्थ्य, प्रबंधन और अन्यक्षेत्रों में विकासपर निर्भर होती है।। इन सभी मानदंडों को पूरा करने के लिए सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक आधार पर युवा का सशक्तीकरण आवश्यक है।युवा राष्ट्र का संरचनात्मक और कार्यात्मक ढांचा है। हर राष्ट्र की सफलता का आधार उसकी युवा पीढ़ी और उनकी उपलब्धियाँ होती हैं। राष्ट्र का भविष्य युवाओं के सर्वांगीण विकास में निहित है। इसलिए युवा राष्ट्र निर्माण में सर्वोच्च भूमिका निभाते हैं। आज इस विषय पर अलग अलग शब्द सीमा में हम आपके लिए कुछ निबंध लेकर आये हैं जिनके माध्यम से आप इस विषय को बेहतर ढंग से समझ पायेंगे। जिस तरह से इंजन को चालू करने के लिए इंधन जिम्मेदार होता है; ठीक उसी तरह युवा राष्ट्र के लिए है। यह राष्ट्र की प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करता है।किसी भी राष्ट्र को प्रौद्योगिकियों, शोध, विज्ञान, चिकित्सा, यानी आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक के संदर्भ में प्रगति और विकास के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। जब युवा अपने प्रयासों के साथ ईमानदारी से यही काम करता हैं, तो इसे चिह्नित किया जाता है। भारत में युवाओं की सबसे बड़ी संख्या है, जिन्हें यदि बेहतर तरह से पोषित किया जाये और अगर ये अपना प्रयास सही दिशा में लगाते हैं, तो यह देश पूरी दुनिया में सबसे उत्कृष्ट बन जायेगा। चूंकि आज विकसित भारत बनाने में यंग माइंड्स की प्रभावशाली भागीदारी जरूरी है इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे युवा जब ऊर्जावान प्रेरित अभिप्रेरित होंगे तो उनके प्रदर्शन करने की क्षमता अनंत होगी। दुनियां में जहां भी बदलाव हुए हैं वहां तरुणाई ने हमेशा नेतृत्व किया है। 

साथियों बात अगर हम युवाओं पर नेल्सन मंडेला की कहावत की करें तो, उनकी एक ख़ूबसूरत कहावत है कि, आज के युवा कल के नेता हैं, जो हर एक पहलू में सही लागू होता है। युवा राष्ट्र के किसी भी विकास की नींव रखता है। युवा एक व्यक्ति के जीवन में वह मंच है, जो सीखने की कई क्षमताओं और प्रदर्शन के साथ भरा हुआ है।युवाओं की शक्ति राष्ट्र का सर्वांगीण विकास और भविष्य, वहां रहने वाले लोगों की शक्ति और क्षमता पर निर्भर करता है और इसमें प्रमुख योगदान उस राष्ट्र के युवाओं का है।युवा राष्ट्र का संरचनात्मक और कार्यात्मक ढांचा है। हर राष्ट्र की सफलता का आधार उसकी युवा पीढ़ी और उनकी उपलब्धियाँ होती हैं। राष्ट्र का भविष्य युवाओं के सर्वांगीण विकास में निहित है। इसलिए युवा राष्ट्र निर्माण में सर्वोच्च भूमिका निभाते हैं।

साथियों बात अगर हम युवाओं पर भारत की करें तो भारत लोकतंत्र की जननी है। देश की विविधता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। हमें अपनी विविधता को सबसे बड़ी ताकत बनाते हुए देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जी-जान से जुटना होगा। वर्तमान समय की यह बड़ी उपलब्धि रही है कि देशवासियों में भारतीयता की सामूहिक चेतना का पुनर्जागरण हुआ है। इसी सामूहिक चेतना के कारण भारत के विकसित राष्ट्र का संकल्प और मजबूत हो रहा है। आज जन कल्याण से जग कल्याण की राह पर चलने वाला भारत पहला राष्ट्र है। आज समूचा विश्व भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है। वर्तमान  कुशल नेतृत्व और त्वरित निर्णय शक्ति के कारण आज दुनिया के शक्तिशाली देश भी तमाम समस्याओं के समाधान के लिए भारत को मार्गदर्शक के तौर पर देखने लगे हैं। राष्ट्र को विकसित बनाने में युवाओं की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भागीदारी हो सकती है। आगामी 25 वर्षो में भारत को विकसित देशों की श्रेणी में शामिल करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। प्रधानमंत्री का भाषण आजादी के अमृत काल में युवाओं के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करेगा।आज जब हम आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं तो यह पिछले 75 वर्षो में देश के संकल्पों को पूरा करने वाले सभी लोगों के योगदान का स्मरण करने का अवसर है। साथ ही अमृत काल के आने वाले 25 वर्षो पर अपनी शक्ति और सामथ्र्य को केंद्रित भी करना है। तभी वर्ष 2047 में एक शक्तिशाली और विकसित राष्ट्र का सपना साकार होगा। युवा वर्ग देश का भविष्य होने के साथ-साथ हमारे देश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में युवाओं की संख्या अन्य देशों से अधिक है। भारत की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। सरकार का पूरा ध्यान युवाओं के माध्यम से विकास लाने पर केन्द्रित है। उनके अनुसार युवा देश के विकास के लिए अपना सक्रिय योगदान प्रदान करें न कि केवल उसका एक हिस्सा बनकर रह जाएँ। सरकार द्वारा पेश की गई राष्ट्रीय युवा नीति-2014 का उद्देश्य युवाओं की क्षमताओं को पहचानना और उसके अनुसार उन्हें अवसर प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाना और इसके माध्यम से विश्वभर में भारत को उसका सही स्थान दिलाना है।युवाओं के व्यक्तित्व में सुधार लाने, उनमें नेतृत्व के गुण विकसित करने एवं उनमें ज़िम्मेदार नागरिक के गुण और स्वयंसेवा की भावना उत्पन्न करने के उद्देश्य से युवा मामले विभाग ने विभिन्न कार्यक्रमों को कार्यान्वयित किया है। युवा देश की आबादी का सबसे जीवंत और संसाधन पूर्ण हिस्सा है, इनकी सामाजिक, आर्थिक विकास के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका है । गरीबी से बाहर आने एव आजीविका विकास के लिए उनकी आंतरिक क्षमताओं को बाहर लाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिससे कि वे स्वस्थ एवं सार्थक जीवन यापन कर सकें । पीएम ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो रोडमैप साझा किया, उसे धरातल पर उतारने की पहली जिम्मेदारी देश के युवाओं की है। कहते हैं, जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है। 

साथियों बात अगर हम युवा भारत के संबंध में माननीय पीएम के विचारों की करें तो, उन्होंने देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया है। विकसित भारत की इस संकल्पना को साकार रूप देने में युवा आबादी की अहम भूमिका होगी। इस भूमिका के लिए युवाओं को तैयार करने का बीड़ा शिक्षा मंत्रालय ने उठाने का फैसला किया है। इस मिशन के लिए शिक्षा मंत्रालय युवाओं को दो तरह से तैयार करेगा। एक तो उन्हें विकसित भारत मिशन के लिए जागरूक मानवीय शक्ति के रूप में निखारा जाएगा। दूसरा, इस लक्ष्य में उनकी सलाह लेकर उन्हें समूची प्रक्रिया में शामिल कर उन्हें इस मिशन के प्रभावी सक्रिय तत्व के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी कई संस्थाओं ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के साथ इस दिशा में कई कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई है। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में यंग माइंड्स की प्रभावशाली भागीदारी ज़रूरी।युवा जब ऊर्जावान, प्रेरित,अभिप्रेरित होंगे तो उनके प्रदर्शन करने की क्षमता अनंत होगी। दुनियां में जहां भी बदलाव हुए हैं वहां तरुणाई ने हमेशा नेतृत्व किया है।

— किशन सनमुखदास भावनानी

*किशन भावनानी

कर विशेषज्ञ एड., गोंदिया